सेवा भारती – हम साथ हैं ना…..
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विजयलक्ष्मी सिंह
ढोल बजा कर जगह जगह आटा मांगना या फिर मौका मिले तो शादी ब्याह में इसी ढोल के बदले नेग ले लेना, पुश्तों से ढोली समाज की गुजर बसर ऐसे ही हो रही है। कोरोना के बाद जब सरकारी नियमों ने शादी ब्याह के आयोजन को दायरों में बांधा तो ढोल बजाने वालों को भला कौन बुलाता!
अनूपगढ़ के अजय कुमार जो इसी समाज से हैं, कोरोना काल में पहले ही दाने- दाने को मोहताज हो गए थे कि अप्रैल के मध्य में उनकी कमर के नीचे के पूरे हिस्से में पस भर गया व उनका उठना बैठना तक दूभर हो गया।
ढोली बस्ती में बाल संस्कार केंद्र में पढ़ रहे रघु ने जब आचार्य जी को पिता की दयनीय हालत के बारे में बताया तो बात सेवा भारती के कार्यकर्ताओं तक पहुंची। पहले अर्थसंग्रह कर उन्हें दिया गया ताकि वे अपना इलाज करवा सकें। सेवा भारती के तहसील अध्यक्ष रामरत्न जी गुप्ता, रमेश जी निमिवाल, राहुल जी बताते हैं कि अजय कुमार का डेढ़ महीने तक गंगानगर अस्पताल में इलाज चला, जिसकी सारी व्यवस्था कार्यकर्ताओं ने देखी। सेवा भारती अनूपगढ़ ने उनकी पत्नी व बच्चों को भी जरूरत का राशन भिजवाया।
घर लौटने के बाद अजय को चलने में परेशानी न हो इसके लिए वॉकर व ठीक होने तक राशन की जिम्मेदारी भी संस्था ने स्वयं अपने कंधों पर ले ली। सेवा भारती अनूपगढ़ विगत 8 वर्षों से गाड़िया लोहार, बिहारी, ढोली, सांसी, बाजीगर आदि घुमक्कड़ बस्तियों को समर्थ व स्वावलंबी बनाने के लिए कई उपक्रम चला रहा है।