हिन्दी जगत की अमूल्य धरोहर डॉ. गोयनका को साहित्यकारों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

हिन्दी जगत की अमूल्य धरोहर डॉ. गोयनका को साहित्यकारों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रेमचंद साहित्य के मूर्धन्य विद्वान स्व. डॉ. कमल किशोर गोयनका को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं केंद्रीय हिन्दी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में देश-विदेश से पधारे 137 से अधिक प्रख्यात साहित्यकार और विचारकों ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सभा में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, भारतीय भाषा परिषद के अध्यक्ष चम्मू कृष्ण शास्त्री, शिक्षा संस्कृति न्यास के संगठक अतुल कोठारी, विद्या भारती के वरिष्ठ पदाधिकारी लक्ष्मीनारायण भाला, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राम शरण गौड़, साहित्य अकादमी हरियाणा के पूर्व निदेशक डॉ. पूरनमल गौड़, प्रवासी भारत के संपादक राकेश पांडे, कमल संदेश के संपादक शिवशक्ति, परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य, संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, सह-संगठन मंत्री मनोज कुमार, पवनपुत्र बादल व ऋषि सहित कई प्रमुख साहित्यिक हस्तियां उपस्थित रहीं।
डॉ. गोयनका के योगदान को याद करते हुए प्रो. नीलम राठी और डॉ. अवनिजेश अवस्थी ने उनके साहित्यिक दृष्टिकोण और वैचारिक निर्भीकता को रेखांकित किया। केंद्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र दुबे व डॉ. सुनील बाबूराव कुलकर्णी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
श्रद्धांजलि सभा में उनके परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे और इस सम्मानपूर्ण आयोजन के लिए आयोजकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे डॉ. गोयनका ने 85 वर्ष की आयु में 1 अप्रैल 2025 को अंतिम सांस ली थी।