22 जनवरी को मंदिर में विराजेंगे रामलला
22 जनवरी को मंदिर में विराजेंगे रामलला
अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर में 15 से 24 जनवरी 2024 के मध्य अनुष्ठान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या आएंगे। उसी दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। अयोध्या मंदिर के लिए एक इस प्रकार का उपकरण तैयार किया जा रहा है, जिसे मंदिर के शिखर पर लगाने से प्रति वर्ष रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे ही भगवान राम के मस्तक पर कुछ देर के लिए पड़ेंगी।
इस उपकरण को बेंगलुरु में बनाया जा रहा है। वहां के वैज्ञानिक इसे बनाने का कार्य कर रहे हैं। मंदिर ट्रस्ट ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए दस दिन का अनुष्ठान करने का निर्णय लिया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 24 जनवरी से मंदिर जनसाधारण के लिए खोल दिया जाएगा।
मंदिर के भूतल का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा करने की योजना बनाई गई थी। यह निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा साधु संतों की उपस्थिति में की जायेगी। 22 जनवरी के लिए 10 हजार लोगों की एक लिस्ट तैयार की गई है, जो प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित होंगे। इनमें साधु संतों के अतिरिक्त राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोग भी हैं। प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात मंदिर को जब लोगों के लिए खोला जाएगा तो यहां आने वाले श्रद्धालुओं को 15-20 सेकंड का समय दर्शन के लिए मिलेगा।
मंदिर निर्माण में पत्थरों को जोड़ने के लिए लोहे के स्थान पर तांबे का उपयोग हुआ है। राम मंदिर ढाई एकड़ में बना हुआ है। लेकिन अगर इसमें ‘परिक्रमा पथ’ भी जोड़ लिया जाए तो ये पूरा परिसर आठ एकड़ का हो जाता है। मंदिर निर्माण में अब तक लगभग 900 करोड़ रुपये का व्यय हुआ है और पूरा मंदिर परिसर बनने में 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। कुछ कलाकृतियां एएसआई को खुदाई के समय मिली थीं और कुछ निर्माण कार्य के समय मिली हैं। इन्हें ट्रस्ट की देखरेख में सुरक्षित रखा गया है। एएसआई से अनुमति मिलने के बाद इन्हें मंदिर परिसर में बन रहे संग्रहालय में रखा जाएगा।
मंदिर के गर्भगृह में एक चबूतरा बनाया जाएगा। इसी चबूतरे पर रामलला की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। रामलला की यह मूर्ति 51 इंच की होगी।
मंदिर के चारों ओर आठ एकड़ की परिधि में 48 फीट ऊंची प्राचीर भी बनाई जा रही है। मंदिर परिसर में राम मंदिर के अतिरिक्त छह और मंदिर बनाए जा रहे हैं। सिंह द्वार से राम मंदिर में प्रवेश करने से पहले पूर्वी दिशा में एक मुख्य द्वार होगा, जहां से श्रद्धालु परिसर में आएंगे।
मुख्य द्वार के पास में ही निकास द्वार भी बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एक सुरंग भी बन रही है, जिसमें से भी भक्त आ और जा सकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा से पहले परिसर का मुख्य द्वार बन जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब मंदिर को आम लोगों के लिए खोला जाएगा तो प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसलिए रामलला के दर्शन के लिए प्रत्येक श्रद्धालु को 15 से 20 सेकंड का समय ही मिलेगा। मीडिया जानकारी के अनुसार, मंदिर के चारों ओर एक प्राचीर को इस तरह बनाया जा रहा है, ताकि डेढ़ लाख लोग सरलता से दर्शन कर सकेंगे।
श्रद्धालओं को एक पार्क के रास्ते से मंदिर तक पहुंचना होगा। मंदिर आने वाले और परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं में कोई टकराव न हो, इसके लिए पूर्व दिशा में एक सुरंग बनाई जा रही है।