45 परिवारों ने छोड़ा इस्लाम, घर वापसी कर बोले मिल रही है आत्मिक शांति
45 परिवारों ने छोड़ा इस्लाम, घर वापसी कर बोले मिल रही है आत्मिक शांति
हापुड़। उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में 4 वर्षों की कश्मकश के बाद एक ही वंश के 45 परिवारों के लगभग 150 सदस्यों ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। इन परिवारों ने बृजघाट पर जाकर हिन्दू रीति-रिवाजों से गंगा स्नान किया और स्वयं को शुद्ध कर घर वापसी की। इस प्रक्रिया में सलमान खान ने अपना नाम संसार सिंह रख लिया, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों ने भी अपने नाम हिन्दू धर्म के अनुसार बदल लिए।
पृष्ठभूमि: पाकिस्तान से दिल्ली तक की यात्रा
संसार सिंह (पूर्व में सलमान खान) ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से पाकिस्तान के इस्लामाबाद का निवासी है। उनके पूर्वज हिन्दू थे, लेकिन मुगलों के अत्याचार के कारण उन्हें इस्लाम अपनाना पड़ा। वर्ष 1947 में देश के बंटवारे के समय उनका परिवार भारत आकर दिल्ली में बस गया। इसके बाद भी वे इस्लाम का पालन कर रहे थे।
उन्होंने बताया, उनके परिवार के मन में चार वर्ष पहले अपनी जड़ों की ओर लौटने का विचार आया। लेकिन परिवार के कई सदस्य इस्लाम और सनातन धर्म के बीच असमंजस में थे। इसलिए घर वापसी टलती रही। आखिरकार, उनके दादा ने निर्णय लिया कि परिवार को हिन्दू रीति-रिवाजों को अपनाना चाहिए। इस निर्णय के बाद सलमान खान ने अपना नाम संसार सिंह और दादा का श्यामलाल रखा। इसके साथ ही दादा श्यामलाल ने परिवार को संकल्प दिलाया कि निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार बृजघाट पर किया जाए और वंशावली में उनका व परिवार के सभी सदस्यों का नया नाम दर्ज कराया जाए। दादा श्यामलाल के निधन के बाद, परिवार ने उस संकल्प को पूरा करते हुए बृजघाट पर उनकी अस्थियां प्रवाहित कीं। 11 दिसंबर 2024 को 150 सदस्यों वाले ये 45 परिवार बृजघाट पहुंचे। वहां पुरोहित अंकुर शर्मा की देखरेख में सभी ने गंगा स्नान किया और भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा-अर्चना की। चूंकि उन्हें अपना मूल गोत्र ज्ञात नहीं था, इसलिए उन्होंने माता पार्वती (गौरी) और भगवान शिव के नाम पर गौरीशंकर गोत्र अपनाया। इसके बाद पुरोहित ने वंशावली में उनके नए नाम लिखे। इस्लाम में रहते हुए उनकी पहचान धोबी के रूप में थी।
घर वापसी के बाद परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी बदले गए, जिनमें संजू, सतीश, बलवान सिंह, राजेश, संजय और शशि जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी ने संकल्प लिया कि अब वे हिन्दू धर्म के अनुसार व्रत, त्योहार और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। संसार सिंह और उनके परिवार का कहना है कि घर वापसी का यह कदम अपने पूर्वजों की विरासत को सम्मान देने व अपनी सांस्कृतिक जड़ों की ओर लौटने का प्रतीक है। उन्होंने कहा, हमारे परिवार के सदस्य कई वर्षों से घर वापसी का सपना संजो रहे थे, लेकिन साहस नहीं जुटा पा रहे थे। लेकिन, अब देश में हिन्दुओं के हित सुरक्षित हैं। उन्हें हिन्दू धर्म स्वीकार करने की खुशी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम छोड़ने और सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्हें आत्मिक शांति का अनुभव हो रहा है।