भेदभाव को समाप्त करने से ही एक समाज बनेगा- भैय्याजी जोशी

भेदभाव को समाप्त करने से ही एक समाज बनेगा- भैय्याजी जोशी

भेदभाव को समाप्त करने से ही एक समाज बनेगा- भैय्याजी जोशीभेदभाव को समाप्त करने से ही एक समाज बनेगा- भैय्याजी जोशी

जयपुर, 10 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा कि जैसे किसी राज्य की सीमाएं हमारे अंदर भेद नहीं डाल पातीं, वैसे ही जन्म के आधार पर मिली जातियों से भी हमारे अंदर भेद नहीं होने चाहिए। भेदभाव को समाप्त करने से ही एक समाज बनेगा। जैसे शरीर का हिस्सा भले छोटा या बड़ा हो, शरीर से अलग नहीं हो सकता, वैसे ही कोई भी समाज कमजोर या समृद्ध हो, हिन्दू समाज से अलग नहीं हो सकता। जोशी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को त्रिवेणीनगर स्थित सामुदायिक केन्द्र में आयोजित विजयदशमी उत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान की प्रस्तावना में हम भारत के लोग लिखा है ना कि हम राजस्थान, कर्नाटक, उड़ीसा या तमिलनाडु के लोग। देश में तमिल, असम, मणिपुर, महाराष्ट्र हर जगह के लोग भारत माता की जय ही कहते हैं। हमारे रहन-सहन, खान पान, कपड़े पहनने के ढंग में अंतर हो सकता है, पर भारतवर्ष के लोगों के मन में कभी अंतर नहीं आ सकता। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी भारत माता की जय कहते हैं। उन्होंने प्रश्न किया कि ज्योतिर्लिंग या 51 शक्ति पीठ किसी जाति के हैं? जोशी ने कहा कि राम के साथ मर्यादा और पुरुषोत्तम दो शब्द जुड़े हैं। अनेक विपदाओं में ये दो शब्द हमारा मार्गदर्शन करते हैं। नकारात्मक शक्तियों का विघटन एवं देवी शक्ति को विकसित करते हैं।

मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश डॉ. राजेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ संघ में प्रचलित शिक्षा देना आवश्यक है। हमारी नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाना है, इन्हें धर्म से दूर नहीं करना है। हमें सनातनी का बहुमान स्थापित करना चाहिए। 

उद्बोधन के बाद स्वयंसेवकों द्वारा विभिन्न मार्गों से होते हुए पथ संचलन निकाला। समाज बंधुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया।

उधर, सांगानेर के भगत सिंह पार्क में शौर्य दर्शन -2024 विजयोत्सव मनाया गया। शनिवार को सभी संघ स्थानों पर विजयादशमी उत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर समाज के प्रतिष्ठित लोगों के साथ शस्त्र पूजन भी किया जाएगा। दर्जनों स्थानों से पथ संचलन निकलेंगे।

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