बंद नहीं होगी अग्निपथ योजना

बंद नहीं होगी अग्निपथ योजना

मृत्युंजय दीक्षित

बंद नहीं होगी अग्निपथ योजनाबंद नहीं होगी अग्निपथ योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय के 25 वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर द्रास क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि अग्निपथ योजना फिलहाल बंद नहीं होने जा रही है। इसी के साथ ही भाजपा शासित राज्यों ने अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा करके विपक्ष के विरोध की धार को कुंद करने का काम किया। लोकसभा चुनावों में अग्निपथ योजना को विपक्ष ने एक बड़ा मुद्दा बनाया था, भारतीय जनता पार्टी के 240 सीटों पर सिमट जाने पर अब विपक्ष अग्निपथ योजना पर अपने को सही सिद्ध मान रहा है और उसके नेता यत्र तत्र इंडी सरकार आने पर इस योजना को समाप्त करने की घोषणा कर रहे हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अग्निपथ योजना की प्रमुखता से चर्चा की।

अग्निपथ योजना का विरोध राजग गठबंधन में शामिल जनता दल (यूनाइटेड) ने भी किया है और इसमें संशोधन करने की मांग कर रखी है। स्मरणीय है कि इस योजना की घोषणा के बाद बिहार में ही सबसे अधिक उपद्रव हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सभी आरोपों व उनके द्वारा फैलाए गए झूठे नैरेटिव को खारिज करते हुए कहा कि अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को युद्ध के लिए तैयार रखना है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के उन दावों का भी खंडन किया कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना प्रारम्भ की गई है। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद भी विरोधी दल सत्य को अंगीकार करने को तैयार नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के नये नवेले अति उत्साही सांसद अवधेश प्रसाद व अन्य दलों के नेताओं ने कहा कि जब इंडी गठबंधन की सरकार बनेगी तब अग्निपथ योजना को 24 घंटे में बंद कर दिया जायेगा।

उधर प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस और पीएसी में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की। इसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा, असम और अरुणांचल प्रदेश आदि राज्यों ने भी अग्निवीरों के लिए पुलिस भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण देकर युवाओं को बेहद आकर्षक उपहार दिया है और उनके मन से यह डर दूर करने का प्रयास किया है कि सेना में चार वर्षों की सेवा के बाद उनका क्या होगा। विपक्षी दल यही डर दिखाकर भ्रम फैलाते रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल की भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। मंत्रालय ने बीएसएफ और सीआईएसएफ में भी अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने सहित ऊपरी आयु सीमा में पांच वर्ष और अन्य बैचों के उम्मीदवारों के लिए तीन वर्षों तक की छूट देने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। अग्निपथ योजना में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं के लिए सरकार के पास अभी अन्य अवसर भी हैं, जिनकी घोषणा समय आने पर की जाएगी।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लागू की थी, जिसके अंतर्गत थल, जल और वायु सेना में 4 वर्षों के लिए युवाओं को भर्ती किया जाता है, जिसमें छह महीने का प्रशिक्षण भी शामिल है। 4 वर्षों की सेवा के बाद अग्निवीरों की रेटिंग तैयार की जायेगी। इसी रेटिंग लिस्ट को मानक मानकर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी नियुक्ति दी जायेगी। इस योजना के अंतर्गत 17.5 से 21 वर्ष तक के युवक और युवतियां अपना आवेदन कर सकते हैं।अग्निपथ योजना में भर्ती होने के लिए कक्षा 10 व 12वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।अग्निपथ योजना की अनेक विशेषताएं हैं। इस योजना में योग्यता व समानता के आधार पर ही भर्ती होगी। सेवा समाप्ति के बाद अग्निवीरों को उनके कौशल के अनुरूप स्किल प्रमाणपत्र दिया जायेगा, जिसके आधार पर वह अपना व्यवसाय कर सकते हैं अथवा नौकरी करने जायेंगे तो उस कौशल के लिए प्रशिक्षित होंगे। सेवा के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी होने की अवस्था में अग्निवीरों के बीमे का भी प्रावधान है।

विरोधी दल यह अफवाह भी फैला रहे हैं कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत बलिदान होने वाले जवानों को पुरस्कृत नहीं किया जायेगा जबकि वास्तविकता यह है कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत बलिदान होने वाले जवानों को भी पुरस्कार दिये जायेंगे। योजना के अंतर्गत अग्निवीरों का आरंभिक वेतन 30,000 रुपये प्रतिमाह है जो चौथे वर्ष तक बढ़कर 40,000 तक हो जायेगा। सेवा समाप्ति के चार वर्ष बाद सैनिकों को 10 से 12 लाख रुपये तक दिये जायेंगे, जो पूरी तरह से टैक्स फ्री होंगे। विपक्ष यह आरोप भी लगा रहा है कि मात्र छह माह के प्रशिक्षण में ही अग्निवीर कैसे प्रशिक्षित हो सकेगा और देश की सीमाओं की सुरक्षा कर सकेगा, यह आरोप भी पूरी तरह से भ्रामक तथ्यों पर आधारित है।अग्निवीर भी अन्य सैनिकों की तरह ही प्रशिक्षित किया जायेगा।

विपक्ष यह भी आरोप लगा रहा है कि सरकार ने यह योजना सेना के साथ बिना किसी विचार विमर्श के लागू कर दी है। यह आरोप भी पूरी तरह से झूठ है। जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय कारगिल युद्ध हुआ, तभी सेना की औसत आयु कम करने की आवश्यकता अनुभव की गई थी और सेना के कमांडरों की बैठक में इस योजना पर व्यापक विचार विमर्श हुआ था। वर्तमान रक्षा मंत्री ने इस विषय पर विभिन्न हितधारकों के साथ हुई लम्बी और तथ्य परक बैठकों के विषय में सदन में विस्तृत जानकारी दी है। अग्निवीर जैसी योजनाएं इजरायल सहित कई देशों में लागू हैं।

आज भारत के समस्त विरोधी दल अग्निपथ योजना का विरोध सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत ही कर रहे हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने कभी सेना व सैनिकों का साथ नहीं दिया और एयरस्ट्राइक का सबूत मांगते हैं। जिन्होंने पूर्व दिवंगत थलसेना प्रमुख विपिन चन्द्र रावत को गली का गुंडा कहा था। जिनके कारण सेना के जवानों के पास बुलेटप्रूफ जैकेट व जूते तक नहीं होते थे, किंतु अब जब हमारी सेना हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रही है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। ये वो लोग हैं, जिनके हाथ बड़े- बड़े रक्षा घोटालों से सने हुए हैं। जिनको कारगिल विजय दिवस की उपलब्धि महत्वहीन लगती है। जिन्होंने 2004 से 2014 तक कारगिल विजय दिवस मनाया ही नहीं और जिनके कार्यकाल में सीमा पर आतंकवाद के शिकार सैनिकों के क्षत विक्षत शवों पर कोई संवेदना तक व्यक्त नहीं की जाती थी। वास्तव में इन दलों को डर सता रहा है कि यदि यह योजना सफल हो गई तो बेरोजगारी का मुद्दा उनके हाथ से निकल जायेगा। अनुशासित, सशक्त और प्रशिक्षित युवा इन नेताओं के कहने से चक्का जाम करने नहीं आएगा।

अग्निपथ योजना भारत की सेना व भारत के युवा दोनों के लिए अति महत्वपूर्ण है। इससे एक ओर युवाओं के लिए नये अवसर खुल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आतकंवाद के खतरनाक दौर में देश को अतिरिक्त सैनिक मिल रहे हैं। अग्निपथ योजना के विरुद्ध विपक्ष उसी प्रकार विरोध की मुहिम चला रहा है, जिस प्रकार कोविड वैक्सीन के विरुद्ध चलाई थी। केंद्र व राज्य सरकारों ने अग्निवीरों को आरक्षण देकर एक बहुत बड़ा उपहार दिया है और यह भी बताने का प्रयास किया है कि वर्तमान सरकार अग्निवीरों के साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी।

मात्र मोदी विरोध के लिए अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले विपक्ष को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत की सेना का हिस्सा बनना केवल एक नौकरी मात्र नहीं अपितु देश व समाज की सेवा करने का सशक्त माध्यम है। सेना से सेवानिवृत्त हो जाने के बाद भी सैनिकों में मन में देश सेवा करने के लिए अप्रतिम स्थान होता है। सच तो यह है कि अग्निवीर योजना जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, अग्निवीर सामर्थ्यवान होकर घर लौटेंगे वैसे वैसे विपक्ष के झूठ धराशायी होते जाएंगे।

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