राजस्थान के अग्निवीर बलिदानी जितेंद्र सिंह के परिवार को मिली दो करोड़ की आर्थिक सहायता

राजस्थान के अग्निवीर बलिदानी जितेंद्र सिंह के परिवार को मिली दो करोड़ की आर्थिक सहायता

राजस्थान के अग्निवीर बलिदानी जितेंद्र सिंह के परिवार को मिली दो करोड़ की आर्थिक सहायताराजस्थान के अग्निवीर बलिदानी जितेंद्र सिंह के परिवार को मिली दो करोड़ की आर्थिक सहायता

अलवर। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए राजस्थान के अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर को केंद्र सरकार ने बलिदानी का दर्जा दिया है। साथ ही, उनके परिवार को दो करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की है। यह घोषणा उनके बलिदान के छह महीने बाद की गई है।

अग्निवीर योजना से जुड़े पहले बलिदानी सैनिक

29 दिसंबर 2022 को अग्निवीर योजना के अंतर्गत भारतीय सेना में भर्ती हुए जितेंद्र सिंह तंवर राजस्थान के पहले अग्निवीर हैं, जिन्हें बलिदानी का दर्जा मिला है। वे 3 पैरा स्पेशल फोर्स का भाग थे। बेंगलुरु में एक वर्ष की कठोर ट्रेनिंग के बाद 29 फरवरी 2024 को उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी।

सर्च ऑपरेशन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए

9 मई 2024 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के विरुद्ध सर्च ऑपरेशन के दौरान जितेंद्र सिंह को सिर पर गोली लगी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। उनका अंतिम संस्कार 11 मई 2024 को उनके पैतृक गांव नवलपुरा-मोरोड कला, अलवर में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और ‘जितेंद्र सिंह अमर रहें’ के नारे गूंजे।

सरकार और सेना का योगदान

बलिदानी का दर्जा मिलने में प्रारंभिक असमंजस के बाद, सरकार ने परिवार की मांग पर नियमों के अनुसार निर्णय लिया। 3 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल तरुराज देव ने राजस्थान के चीफ सेक्रेटरी सुधांशु पंत को पत्र लिखकर ऑपरेशन रक्षक के दौरान उनकी मृत्यु को ‘युद्ध में बलिदान’ की श्रेणी में रखने की सिफारिश की थी।

परिवार को आर्थिक सहायता

केंद्र सरकार ने बलिदानी जितेंद्र सिंह के परिवार के खाते में 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। साथ ही, राजस्थान सरकार ने भी हुतात्मा सैनिकों के परिवारों के लिए घोषित लाभ के अंतर्गत 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाएं देने का आश्वासन दिया है। वहीं गांव में जितेंद्र सिंह के नाम पर एक पार्क स्मारक के रूप में बनाया पर जा रहा है। इसमें स्थानीय विधायक, समाज के लोग और भूतपूर्व सैनिकों ने आर्थिक सहयोग किया है।

गांव में खुशी का वातावरण 

जितेंद्र सिंह के परिवार में उनकी पत्नी, बड़ा भाई सुनील सिंह, और मां सरोज देवी हैं। परिवार ने बलिदानी का दर्जा मिलने पर संतोष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी परिवार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

स्मरणीय वीरता

जितेंद्र सिंह तंवर के बलिदान ने न केवल उनके गांव बल्कि पूरे राजस्थान में गर्व का वातावरण पैदा किया है। उनकी वीरता और बलिदान को सम्मानित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों ने सामूहिक प्रयास किए हैं। उनको देश की सेवा में प्रेरणा के रूप में याद किया जाएगा।

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