दुनिया की सभी प्राचीन संस्कृतियाँ आपस में जुड़ी हुई हैं- रवि शंकर
दुनिया की सभी प्राचीन संस्कृतियाँ आपस में जुड़ी हुई हैं- रवि शंकर
जयपुर। अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र (ICCS), जयपुर चैप्टर द्वारा 30 सितंबर 2024 को राजस्थान विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में शाम 5 बजे बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता रवि शंकर (पालक अधिकारी, जयपुर चैप्टर) ने की। बैठक में लगभग 22 लोगों ने भाग लिया, जिनमें वरिष्ठ कार्यकर्ता जयंत पटवर्धन, कर्नल पूरन सिंह, प्रो. नंद किशोर पांडे (प्रोफेसर और अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर) और डॉ. जयंती लाल उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित जनों के परिचय से हुई। रवि शंकर ने ICCS के उद्देश्यों और उसकी कार्यशैली पर एक संक्षिप्त चर्चा के साथ बातचीत शुरू की। उन्होंने समझाया कि दुनिया की सभी प्राचीन संस्कृतियाँ आपस में किस प्रकार जुड़ी हुई हैं। उन्होंने ज़ुलु जनजाति के उदाहरण देते हुए पीएचडी शोधार्थियों को इस दिशा में काम करने और शोध पत्र लिखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि इस प्रकार के अध्ययन और समझ से ही विश्व में शांति की स्थापना की जा सकती है।
महिमा मीना (सहायक प्रोफेसर, एसकेआईटी, जयपुर) ने “डिपो: घाना के क्रोबोस पर एक विमर्श” विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुति में डिपो संस्कारों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई, जो कि क्रोबो लड़कियों के स्त्रीत्व धर्म की एक रस्म है। इसने आधुनिक दुनिया में अफ्रीकी परंपराओं को संरक्षित करने, सांस्कृतिक पहचान के निर्माण में परंपराओं की भूमिका को रेखांकित किया है। प्रस्तुति में महिलाओं की सांस्कृतिक परंपराओं की संरक्षक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया और डिपो संस्कृति के सिद्धांतों, प्रतीकों और समकालीन प्रासंगिकता का विस्तृत विवरण दिया गया।
बैठक का समापन रवि शंकर, प्रो. नंद किशोर पांडे, कर्नल पूरन सिंह और श्री जयंत पटवर्धन द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों और विचारों के साथ हुआ। शांति मंत्र “सर्वे भवन्तु सुखिनः” के उच्चारण के साथ बैठक संपन्न हुई।
इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरुण सिंह (सहायक प्रोफेसर, राजस्थान विश्वविद्यालय) द्वारा किया गया।