राजस्थान का एग्री-स्टार्टअप ईएफ पॉलीमर: किसानों के लिए नवाचार का प्रतीक
राजस्थान का एग्री-स्टार्टअप ईएफ पॉलीमर: किसानों के लिए नवाचार का प्रतीक
राजस्थान का एग्री-स्टार्टअप ईएफ (इको फ्रेंडली) पॉलीमर किसानों के लिए कृषि के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। यह स्टार्टअप अपने जैविक उत्पाद ‘फसल अमृत’ के माध्यम से कम पानी में अच्छी फसल उत्पादन का स्थायी समाधान प्रदान कर रहा है। फोर्ब्स इंडिया ने ईएफ पॉलीमर को एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के सबसे इनोवेटिव टेक स्टार्टअप्स में शामिल करते हुए अपने कवर पेज इसे स्थान दिया है।
‘फसल अमृत’ एक ऑर्गेनिक सुपर एब्जॉर्बेंट पॉलिमर है, जिसे फलों के छिलकों से तैयार किया गया है। यह मिट्टी में पानी और पोषक तत्वों को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करता है।
इसकी सिंचाई में 40% तक कम पानी, 20% कम उर्वरक का उपयोग तथा 15% अधिक फसल उत्पादन होता है। यह उत्पाद न केवल सूखाग्रस्त क्षेत्रों में, बल्कि अतिवृष्टि से प्रभावित स्थानों में भी कारगर है। यह मिट्टी के कटाव को रोकने और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स प्रदान करने में मदद करता है।
इसके परिणामस्वरूप गुजरात के (साबरकांठा) में अतिवृष्टि के बाद भी किसानों ने 150% अच्छे परिणाम प्राप्त किए। फलौदी (राजस्थान) में भी किसान सुखाराम फतानी ने मूंगफली की फसल के लिए ‘फसल अमृत’ का उपयोग किया। 17 बीघा जमीन में प्रति बीघा उत्पादन 3.5 क्विंटल तक पहुंचा, और सिंचाई में चार बार की कमी हुई।
2014 में नारायण लाल गुर्जर को उनके पिता ने खराब फसल की समस्या का समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया। एमपीयूएटी (महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी) में शोध के बाद 2017 में उन्होंने अंकित जैन और पूरन सिंह राजपूत के साथ टीम बनाई। 2018 में प्रोटोटाइप को ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जापान से शोध के लिए आमंत्रण मिला।
ईएफ पॉलीमर की सफलता के पीछे राजसमंद के नारायण लाल गुर्जर, जो इस स्टार्टअप के सह-संस्थापक और सीईओ हैं, ने इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके साथ पूरन सिंह राजपूत (राजसमंद), सह-संस्थापक और सीओओ के रूप में, संगठन के संचालन और प्रबंधन को नई ऊंचाइयों पर ले गए। वहीं, जयपुर के अंकित जैन, सह-संस्थापक और सीबीडीओ के रूप में, व्यापार विकास और रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
वैश्विक पहचान और उपलब्धियां
ईएफ पॉलीमर भारत के साथ साथ जापान, अमेरिका, फ्रांस, ब्राजील सहित 10 देशों में सक्रिय है, फोर्ब्स 30 अंडर 30 (2024) की सूची में इसे स्थान दिया गया है। साथ ही डीसीएम श्रीराम एगवाटर चैलेंज में फाइनलिस्ट तथा एमडीपीआई पत्रिका में संबंधित शोध प्रकाशित हुए हैं। ईएफ पॉलीमर की सफलता ने न केवल राजस्थान, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। फसल अमृत, एक आधुनिक कृषि का टिकाऊ समाधान है।
कैसे हुई शुरुआत?
2014 में राजस्थान के नारायण लाल गुर्जर (राजसमंद) के पिता ने खराब फसल से परेशान होकर समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया। नारायण ने महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी (एमपीयूएटी) में शोध किया। 2017 में उन्होंने अंकित जैन और पूरन सिंह राजपूत के साथ टीम बनाई। 2018 में उनके प्रोटोटाइप को ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (जापान) से रिसर्च के लिए आमंत्रण मिला। ‘फसल अमृत’ ने कृषि में टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान प्रदान करते हुए वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।