संघ का अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान : प्रत्येक गांव में महिलाएं लगाएंगी 100 पौधे
संघ का अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान : प्रत्येक गांव में महिलाएं लगाएंगी 100 पौधे
राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान के अंतर्गत बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य वनों और वनस्पतियों को संरक्षित करना है।
क्यों रखा अभियान का नाम अमृता देवी प्रकृति संवर्धन?
अमृता देवी बिश्नोई खेजड़ली गॉंव की एक वीर महिला थीं। उन्होंने 1730 में पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनके इस बलिदान को स्मरण करते हुए, इस अभियान का नाम “अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान” रखा गया है।
इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे जैसे नीम, पीपल, आंवला और गुलमोहर के पौधे मातृशक्ति को वितरित कर पौधारोपण करवाया गया। पौधारोपण कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
आरएसएस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा, “अमृता देवी का बलिदान यह सिखाता है कि प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना और हरियाली को बढ़ावा देना है।”
इस अभियान के अंतर्गत संघ ने संकल्प लिया है कि प्रत्येक गांव में 100 पौधे मातृशक्ति के माध्यम से लगाए जाएंगे। इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए काजड़ा गांव में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां सैकड़ों महिलाओं और बालिकाओं को पौधे वितरित किए गए। इन पौधों का रोपण मातृशक्ति ने स्वयं किया और उन्होंने संकल्प लिया कि वे इनका पालन-पोषण अपने बच्चों और भाई-बहनों की तरह करेंगी, ताकि ये पौधे बड़े होकर एक हरे-भरे जंगल का रूप ले सकें।
पौधों का पंजीकरण
अभियान के अंतर्गत लगाए गए पौधों को गूगल लोकेशन के माध्यम से पंजीकृत किया गया और इनकी जानकारी एक विशेष ऐप पर अपलोड की गई। इस तकनीकी उपाय का उद्देश्य लगाए गए पौधों की देखभाल और विकास की निगरानी सुनिश्चित करना है। यह अभियान न केवल पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को भी दर्शाता है। संघ का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से राजस्थान के हर गांव में हरियाली बढ़ाई जाए और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण किया जाए।
आरएसएस द्वारा अमृता देवी प्रकृति संवर्धन अभियान के अंतर्गत अब तक निम्नलिखित गांवों में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं:
काजड़ा गांव में 27 अगस्त 2024 को सैकड़ों महिलाओं और बालिकाओं को पौधे वितरित किए गए और पौधरोपण कराया गया।
चंद्रग्रह गांव में 20 अगस्त 2024 को गांव के मुख्य चौराहे पर पौधारोपण के बाद स्थानीय महिलाओं द्वारा पौधों की देखभाल का संकल्प लिया गया।
रतनपुर गांव में 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
सुलेमानपुरा गांव में 10 अगस्त 2024 को महिलाओं द्वारा पौधारोपण किया गया और पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया गया।
धनपतपुरा गांव में 5 अगस्त 2024 को गांव के सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण कर महिलाओं को पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई।
इन कार्यक्रमों के अंतर्गत हर गांव में 100 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है और संघ द्वारा कहा गया कि हरियाली बढ़ाने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा।