बंगाल के जलपाईगुड़ी में मंदिरों पर हमला
बंगाल के जलपाईगुड़ी में मंदिरों पर हमला
बंगाल में न तो हिन्दू सुरक्षित हैं और न ही मंदिर। 17 – 18 मई की रात जलपाईगुड़ी जिले के खोलई ग्राम में रात के समय मुस्लिम कट्टरपंथियों ने 4 मंदिरों पर हमला किया और मूर्तियां तोड़ दीं। इन मंदिरों के नाम हैं- चौपाथी काली माता मंदिर, सत्वेंदि शिव मंदिर, जंगलीबाड़ी काली मंदिर और गोरेरारी शनि मंदिर। बताया जा रहा है, हमला सुनियोजित था।
घटना से हिन्दू समाज में आक्रोश
अचानक एक साथ चार मंदिरों पर हुए हमले से हिन्दू समाज आक्रोशित हो गया और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सड़कों, जिनमें नेशनल हाईवे 27 भी शामिल है, को कई जगहों पर जाम कर दिया। हिन्दू समाज ने एक पंचायत का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय संत भी सम्मिलित हुए। अनेक सामाजिक संगठनों ने हजारों लोगों की उपस्थिति में थाने में शिकायत दर्ज कराई। हिन्दू समाज ने स्थानीय शासन-प्रशासन पर उदासीनता का आरोप भी लगाया है।
दोषियों को गिरफ्तार कर कठोरतम सजा की मांग
मंदिर समितियों द्वारा लिखित शिकायत के बाद भी अभी तक किसी आक्रांता की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी कर कठोरतम सजा की मांग करती है। तृणमूल कांग्रेस के दमन के आगे हिन्दू समाज झुकने वाला नहीं है।
भाजपा ने किया टीएमसी की नीतियों पर हमला
पश्चिम बंगाल बीजेपी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘यह हिंसक कृत्य टीएमसी की निरंतर तुष्टिकरण की राजनीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है, जो हिन्दू समुदाय को लगातार खतरे में डालता है। स्थानीय निवासी इस आक्रामकता का उचित विरोध कर रहे हैं। हम तत्काल कार्रवाई की माँग करते हैं।’
यह पहली बार नहीं, मंदिरों पर पहले भी हो चुके हैं हमले
हाल ही में, बंगाली नववर्ष उत्सव के बीच जिहादियों द्वारा मुर्शिदाबाद के शिव मंदिर को निशाना बनाया गया था। 13 अप्रैल की रात को जिहादियों ने एक शिव मंदिर पर हमला कर शिव लिंगम को तोड़ दिया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिहादियों ने मंदिर के अंदर पेशाब तक किया था।