केरल के मंदिरों में भगवान को कनेर के फूल अर्पित करने पर रोक
केरल के मंदिरों में भगवान को कनेर के फूल अर्पित करने पर रोक
केरल की सरकार ने मंदिरों में कनेर यानि ओलिएंडर यानी अरली के फूलों को चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका कारण है हाल ही राज्य के अलाप्पुझा में 30 अप्रैल को 24 वर्षीय नर्स सूर्या सुरेंद्रन की संदिग्ध मौत। चिकित्सकीय जांच में पाया गया कि सुरेंद्रन की मौत ओलिएंडर के जहर के कारण हुई। दूसरी ओर इस पौधे का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है, परंतु इसका सेवन चिकित्सकीय परामर्श के बिना करना आत्मघाती साबित हो सकता है।
गुलाबी रंग का यह फूल अत्यधिक सुंदर होता है। राज्य के अधिकतर मंदिरों में लोग यह फूल चढ़ाते आए हैं। भगवान के शृंगार में भी इसी फूल का प्रयोग होता आया है। परन्तु उक्त घटना के बाद राज्य के मंदिरों का प्रबंधन संभालने वाले 2 देवास्वोम बोर्ड—त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड और मालाबार देवास्वोम बोर्ड ने राज्य के ढाई हजार से अधिक मंदिरों में ओलिएंडर के फूलों के उपयोग व चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या हैं ओलिएंडर फूल
विशेषज्ञों के अनुसार, ओलिएंडर एक सख्त और सुंदर झाड़ी है जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अच्छी तरह से बढ़ती है। अध्ययन से पता चलता है कि ओलिएंडर की पत्तियों और फूलों के अंदर कार्डेनोलाइड्स होते हैं, जो जानवरों और मनुष्यों के हृदय की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। कनेर के पौधे का फूल, तना और पत्तियां तीनों ही व्यक्ति को अलग-अलग तरह से हानि पहुंचा सकते हैं। ओलिएंडर के पौधे में ग्लायकोसाइड नाम का खतरनाक रसायन पाया जाता है, जो जहरीला होता है। इसका सीधा असर हृदय और पेट पर होता है। यह रसायन शरीर में पहुंचते ही हृदय की धड़कन को धीमा करने लगता है, जिस कारण व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
नर्स की मृत्यु का बना कारण
24 वर्ष की नर्स सूर्या सुरेंद्रन की संदिग्ध मौत की शुरुआती जाँच में पता लगा कि सुरेंद्रन की मौत ओलिएंडर के जहर के कारण हुई। रिपोर्ट के अनुसार सुरेंद्रन की ब्रिटेन में नौकरी लगी थी। 28 अप्रैल को वह रवाना होने वाली थीं। उसी सुबह उन्होंने फोन पर बात करते हुए गलती से अपने घर में लगे ओलिएंडर से कुछ पत्ते तोड़कर चबा लिए। सुरेंद्रन को पता नहीं था कि ये पत्ते जहरीले हैं। थोड़ी देर बाद उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगी और उल्टियां हुईं। उसी दिन वह कोच्चि एयरपोर्ट पर गिर पड़ीं और कुछ दिनों बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। अस्पताल में उपचार के दौरान चिकित्सकों ने उनसे पूछा कि उन्होंने क्या खाया था? तो उन्होंने बताया कि उन्होंने ओलिएंडर की पत्तियां चबा ली थीं। बाद में पोस्टमार्टम हुआ तो पता लगा कि सुरेंद्रन की मौत ओलियंडर के जहर के कारण हुई। पहले भी इन पौधों की पत्तियों के सेवन से कुछ पशुओं की मौत हो चुकी है।