बियोंड द सिलेबस मिशन: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा में सुधार की पहल

बियोंड द सिलेबस मिशन: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा में सुधार की पहल

बियोंड द सिलेबस मिशन: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा में सुधार की पहलबियोंड द सिलेबस मिशन: नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा में सुधार की पहल

भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली बच्चों को ‘स्टूडेंट से सिटिजन’ यानी विद्यार्थी से नागरिक बनाने के मॉडल पर काम किया जाएगा। इसी क्रम में बुधवार को भीलवाड़ा के टाउन हॉल में ‘बियोंड द सिलेबस मिशन’ की शुरुआत हुई। मिशन का उद्देश्य स्कूली बच्चों को पारंपरिक पाठ्यक्रम से हटकर नई पद्धतियों और दृष्टिकोण के साथ पढ़ाई करवाना है। इस मिशन की अवधारणा एसडीएम आईएएस आव्हाद निवृत्ति और एमएलवी कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर नेहा अंचलिया ने तैयार की है।

इसके लिए बुधवार को सुवाणा ब्लॉक के लगभग 500 शिक्षकों को बुलाया गया। बैठक में शिक्षकों ने स्कूलों और शिक्षा के स्तर पर आने वाली समस्याओं, सुधार की आवश्यकताओं और व्यवस्थाओं की मांगों पर खुलकर चर्चा की। 

एसडीएम आव्हाद निवृत्ति ने शिक्षकों से कहा कि सोच में बदलाव आवश्यक है और अंग्रेजियत वाली सोच को छोड़ना होगा ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को नई पहल करनी होगी, जैसे कि प्रेरणादायक कहानियां और देशभक्ति से जुड़े किस्से सुनाना। यह प्रयास प्राइमरी स्कूलों से शुरू होगा। 

नेहा अंचलिया ने नई शिक्षा नीति-2020 की जानकारी दी और इसके कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं पर शिक्षकों से चर्चा की। इस कार्यक्रम में सुवाणा ब्लॉक के सीबीईओ रामेश्वर लाल जीनगर और अन्य शिक्षा विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा, मिशन का लक्ष्य सरकारी स्कूलों के बच्चों को नए तरीकों और दृष्टिकोण से पढ़ाना है ताकि वे पाठ्यक्रम को व्यवहारिक तरीके से समझ सकें। अंकों की बजाय शिक्षा और ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयास किए जाएंगे। मिशन के पहले चरण में भीलवाड़ा के 20 स्कूलों का चयन किया जाएगा, जहां प्रत्येक स्कूल के एक शिक्षक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में खेल और वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से कठिन विषयों को समझाने और बच्चों की खुशी पर ध्यान देने पर जोर दिया जाएगा।

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