ओ भारत की नार
राम गोपाल पारीक
ओ भारत की नार (साभार : fearless indian)
खो जाती हो तुम सपनों में,
कर लेतीं विश्वास।
जिसका दामन पकड़ा तुमने,
वो ना निकला खास॥
यकीं करो तो अपने मन पर,
नहीं औरों का विश्वास।
जाल बिछाए खड़े हुए हैं,
देख तुम्हारे पास॥
लालच ने लूटा है सबको,
करो नहीं ऐतबार।
अपना बनकर धोखा देते,
देखे कई हजार॥
जीवन की हर कठिन परीक्षा,
में हो सकती हो पास।
तुम चाहो तो लिख सकती हो,
एक नया इतिहास॥
आज की वास्तविक परिस्तिथियो से अवगत करवाती कविता