भारतीय संस्कृति में गाय आत्मनिर्भरता और मानवीय आदर्शों की आधार है- महेंद्र

भारतीय संस्कृति में गाय आत्मनिर्भरता और मानवीय आदर्शों की आधार है- महेंद्र

भारतीय संस्कृति में गाय आत्मनिर्भरता और मानवीय आदर्शों की आधार है- महेंद्रभारतीय संस्कृति में गाय आत्मनिर्भरता और मानवीय आदर्शों की आधार है- महेंद्र

नोएडा। नवधा फिल्मोत्सव कार्यक्रम के पोस्टर का अनावरण 22 जुलाई, सोमवार को प्रेरणा भवन नोएडा में हुआ। कार्यक्रम का आयोजन विश्व संवाद केंद्र और दीनदयाल कामधेनु गोशाला समिति, मथुरा मिलकर कर रहे हैं। फिल्म महोत्सव में भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था में गोधन के महत्व को दर्शाया गया है। फिल्मोत्सव में शामिल प्रतिभागियों को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। प्रथम स्थान प्राप्त विजेता को 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा, वहीं द्वितीय एवं तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

इस अवसर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक महेन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय आत्मनिर्भरता और मानवीय आदर्शों की आधार है। इसलिए वैदिक काल से लेकर आज तक भारतीय लोकजीवन का गोसेवा और संरक्षण से सीधा संबंध रहा है। अब तो देश विदेश में कई वैज्ञानिक शोधों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि गाय का व्यापक आर्थिक और पर्यावरणीय महत्व है। प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में गोमाता उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक रही है। यह अनगिनत लोगों के जनजीवन का आर्थिक संबल रही है। ऐसे में गाय के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नवधा फिल्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि दीनदयाल कामधेनु गोशाला समिति, मथुरा द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। जिसमें तीन प्रमुख विषय शामिल हैं। पहला पंचगव्य चिकित्सा, दूसरा गो उत्पाद (कॉस्मेटिक, गोबर के विभिन्न वस्तुएं), तीसरा प्राकृतिक खेती में गाय का योगदान। नवधा फिल्मोत्सव पोस्टर अनावरण कार्यक्रम में नोएडा विभाग के विभाग संघचालक  सुशील, प्रेरणा जन सेवा न्यास के अध्यक्ष मधुसूदन दादू, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के प्रचार प्रमुख कृपाशंकर समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।

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