किशोरों पर रखें नजर, कोई उनका ब्रेनवॉश तो नहीं कर रहा
डॉ. आशालता
किशोरों पर रखें नजर, कोई उनका ब्रेनवॉश तो नहीं कर रहा
किशोरवय वह आयु होती है, जिसमें जोश तो होता है, लेकिन परिपक्वता नहीं। नई नई चीजें जानने, दोस्तों से जुड़ने, नए दोस्त बनाने और कई बार प्रसिद्ध होने की चाह उन्हें सोशल मीडिया पर खींच ले आती है। किशोरों में इंस्टाग्राम काफी लोकप्रिय है। हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह इंस्टाग्राम पर भी कुछ लोग अपना एजेंडा लिए बैठे हैं, उनका पता तब तक नहीं चलता, जब तक कि कोई उनके फंदे में न फंस जाए और मामले का खुलासा न हो जाए। बच्चे वहां नए नए दोस्त बनाते हैं। सामने वाला किस आयु का है, किस उद्देश्य से वह इस प्लेटफॉर्म पर है, उन्हें आभास तक नहीं होता। पिछले दिनों इंस्टाग्राम पर दोस्ती और फिर ब्लैकमेलिंग के जो मामले सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं।
कानपुर के शहवाज ने इंस्टाग्राम पर दो नाबालिग हिन्दू बहनों को फँसाया, फिर ब्लैकमेल कर उगाही शुरू कर दी। उन्हें भावमात्मक रूप से ब्लैकमेल कर उनसे पैसे मांगे।
12 हजार रुपए ऐंठ भी लिए। लड़कियों ने अपने घर से चोरी करके ये पैसे उसको दिए। वह और पैसे माँग रहा था। दोनों बहनें अपराध बोध के चलते बेहद तनाव में थीं। परेशान होकर दोनों ने आत्महत्या कर ली। बाद में जांच के दौरान पुलिस को दोनों के स्कूल बैग से कॉपियां मिलीं, जिनमें कुरान की आयतें और कलमा लिखा हुआ था। इसके अलावा, हिन्दी और उर्दू में भी कुछ वाक्य लिखे थे, जिससे पता चलता है कि उन्हें कुछ सिखाया जा रहा था। इंस्टाग्राम पर दोनों ने अपना नाम बदलकर मुस्कान और अनीसा रख लिया था। शक है कि रिलीजियस कन्वर्जन के लिए उनका ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था। लड़कियों की आयु 15-16 वर्ष थी।
ऐसे ही अजमेर की एक लड़की ऑनलाइन गेम खेलते समय एक युवक के सम्पर्क में आई। दोनों में दोस्ती हुई, जो इंस्टाग्राम पर आगे बढ़ी। दोनों होटल में मिले, वहॉं शारीरिक सम्बंध बनाए। लड़के ने अश्लील वीडियो बना लिया और फिर ब्लैकमेल कर रेप करने लगा। उनकी बात न मानने पर युवक ने एक दिन लड़की के अश्लील वीडियो उसकी मां और मामा के बेटे को भेज दिए।
बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ में सेरूणा पुलिस थाना क्षेत्र के एक गांव में एक नाबालिग युवती का इंस्टाग्राम अकाउंट 15 नवंबर को किसी ने हैक कर लिया और युवती के इंस्टाग्राम के फोटो-वीडियो अश्लीलतापूर्ण तरीके से एडिट कर उन्हें वायरल करने की धमकी देकर पैसों की डिमांड करने लगा। 16 वर्ष की किशोरी ने पूरी बात मां को बतायी, तो पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
यहॉं यह ध्यान देने वाली बात है कि पहले दोनों मामलों में लड़कियां शायद अपने परिवार में इतनी खुली नहीं थीं कि अपनी व्यथा शेयर कर पातीं। वे फंसती गईं। तीसरे केस में किशोरी ने मॉं को सारी बात बता दी, तो बच गई, वरना पता नहीं बात कहॉं तक जाती और हश्र क्या होता।
आज सोशल मीडिया की ऐसी लत लग चुकी है कि अधिकांश लोग सुबह उठने के साथ ही पल पल में अपना एकाउंट चेक करते हैं। युवा इसके भंवर से निकल नहीं पा रहे। सोशल साइटों पर अनजान लोगों पर विश्वास करने से कई बार इन युवाओं विशेषकर लड़कियों का जीवन दांव पर लग जाता है। आज का समय व एकल परिवारों की सीमाएं देखते हुए माता पिता की जिम्मेदारी बढ़ गई है। बच्चों को ऊंच नीच समझाने के साथ ही उनसे मित्रवत व्यवहार आवश्यक है।