दुनिया में मौतों का दूसरा बड़ा कारण है कैंसर

दुनिया में मौतों का दूसरा बड़ा कारण है कैंसर

अमित बैजनाथ गर्ग

दुनिया में मौतों का दूसरा बड़ा कारण है कैंसरदुनिया में मौतों का दूसरा बड़ा कारण है कैंसर

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में सर्वाधिक कैंसर मरीज भारत में हैं। वर्ष 2022 में दुनिया में 1.93 करोड़ नए कैंसर मरीज सामने आए थे, जिनमें 14 लाख से अधिक भारतीय हैं।

गैर संचारी रोग यानी कि एनसीडीज के अंतर्गत आने वाले कैंसर को लेकर लैंसेट कमीशन की ओर से हालिया जारी नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में स्तन कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। 2040 तक प्रति वर्ष इससे 10 लाख महिलाओं की मौत होने का खतरा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2020 तक पिछले पांच वर्षों में लगभग 78 लाख महिलाओं को स्तन कैंसर का पता चला था, जबकि उसी वर्ष इस बीमारी से लगभग 6.85 लाख महिलाओं की मौत हो गई थी। रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में औसतन हर 12 महिलाओं में से एक को 75 वर्ष की आयु से पहले स्तन कैंसर होने का खतरा रहता है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2020 में दुनियाभर में स्तन कैंसर के 23 लाख मामले सामने आए थे, जो 2040 तक बढ़कर 30 लाख से अधिक हो सकते हैं।

असल में कैंसर की बीमारी से दुनियाभर में होने वाली मौतें दूसरे स्थान पर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में सर्वाधिक कैंसर मरीज भारत में हैं। वर्ष 2022 में दुनिया में 1.93 करोड़ नए कैंसर मरीज सामने आए हैं, जिनमें 14 लाख से अधिक भारतीय हैं। इतना ही नहीं, भारत में बढ़ते कैंसर के मामलों के चलते 2040 तक इनकी संख्या में 57.5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होने की आशंका है। कैंसर से भारत में वर्ष 2020 में 7.70 लाख, 2021 में 7.89 लाख और 2022 में 8.08 लाख रोगियों की मौत हुई है। देश में कैंसर के मामलों की कुल संख्या वर्ष 2022 में 14.61 लाख रही। वहीं 2021 में यह 14.26 लाख और 2020 में 13.92 लाख रही।

आखिर कैंसर क्या है? असल में शरीर में होने वाली असामान्य और खतरनाक स्थिति, जिसमें कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है, उसे कैंसर कहते हैं। हमारे शरीर में कोशिकाओं का लगातार विभाजन होना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिस पर शरीर का पूरा नियंत्रण रहता है, लेकिन जब किसी विशेष अंग की कोशिकाओं पर शरीर का नियंत्रण नहीं रहता है, तो वे असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसे ही कैंसर कहा जाता है। ज्यादातर कैंसर ट्यूमर के रूप में होते हैं, लेकिन ब्लड कैंसर के मामले में ट्यूमर नहीं होता है। एक बात यह भी ध्यान रखने योग्य है कि हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। भारत में कैंसर के प्रकार में छह तरह के कैंसर अधिक होते हैं, जिनमें फेफड़ों का कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल हैं।

आसान शब्दों में कहें तो कैंसर शरीर में होने वाली असामान्य स्थिति है, जिसमें कोशिकाएं असाधारण रूप से बढ़ने लगती हैं और बढ़ी हुई चर्बी की एक गांठ बन जाती है, जिसे ट्यूमर कह सकते हैं। यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। आमतौर पर कैंसर में होने वाले ट्यूमर दो तरह के होते हैं। पहला बिनाइन ट्यूमर और दूसरा मेलाइन ट्यूमर। मेलाइन ट्यूमर शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलता है, जबकि बिनाइन नहीं फैलता है। सभी कैंसर के लक्षण उसके प्रकार और स्थान के अनुसार अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जो देखे जा सकते हैं। जैसे शरीर का वजन अचानक कम होना या बढ़ना, ज्यादा थकान और कमजोरी अनुभव होना, त्वचा में गांठ बनना या रंग में बदलाव होना, पाचन संबंधी समस्या, कब्ज या दस्त होना, आवाज बदलना, जोड़ों-मांसपेशियों में दर्द, घाव ठीक होने में समय लगना, भूख कम लगना, लिम्फ नोड्स में सूजन आदि।

यूं तो कैंसर होने के पीछे कोई ज्ञात कारण नहीं है, लेकिन कुछ पदार्थ जिन्हें कार्सिनोजन कहा जाता है, वे प्रमुख कारणों में से एक हैं। ये कारक कैंसर होने की संभावना को बढ़ाते हैं। कैंसर के प्रमुख जोखिम कारकों में तंबाकू या उससे बने उत्पाद जैसे सिगरेट, गुटखा या चुइंगम आदि का लंबे समय तक सेवन फेफड़े या मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है। लंबे समय तक शराब पीना लिवर कैंसर को बढ़ावा देता है। साथ ही शरीर के अन्य कई हिस्सों में कैंसर के खतरे को बढ़ावा देता है। कैंसर के लिए जीन भी एक प्रमुख कारण है। यदि परिवार में किसी को कैंसर का इतिहास है, तो इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होती है। विभिन्न प्रकार के वायरस भी कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस 99.9 प्रतिशत मामलों में सर्वाइकल कैंसर का कारण होता है। अनहेल्दी फूड्स या रिफाइंड खाद्य पदार्थ, जिनमें फाइबर की मात्रा कम होती है, कोलन कैंसर की संभावना को बढ़ाते हैं। बार-बार एक्स-रे करवाने के कारण भी रेडिएशन के संपर्क में आने से कैंसर होने के खतरे को बढ़ावा मिलता है।

कैंसर के अधिकांश मामलों में ट्यूमर होता है और इन्हें गंभीरता के आधार पर चार स्टेज में बांटा गया है। पहला स्टेज, इस स्टेज में कैंसर नहीं होता है, लेकिन शरीर में कुछ असाधारण कोशिकाएं मौजूद हो सकती हैं, जो कभी भी कैंसर की संभावना को बढ़ा सकती हैं। दूसरी स्टेज में कैंसर का ट्यूमर बन जाता है, लेकिन छोटा होता है। कैंसर की कोशिकाएं सिर्फ एक क्षेत्र में फैली होती हैं। तीसरी स्टेज में ट्यूमर का आकार बड़ा हो जाता है और कैंसर की कोशिकाएं अपने पास स्थित अंगों और लिम्फ नोड्स में फैलने लगती हैं। चौथे चरण में कैंसर पूरी तरह फैल जाता है। इसे मेटास्टेटिक कैंसर भी कहा जाता है। यह स्टेज जानलेवा साबित हो सकती है।

कैंसर का इलाज उसके प्रकार, स्टेज और स्थान के आधार पर किया जाता है। सामान्य तौर पर यह सर्जरी, नॉन-सर्जरी, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, कीमोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट आदि द्वारा होता है। ट्यूमर छोटा है, अन्य अंगों में नहीं फैला है तो उसे सर्जरी द्वारा निकाल दिया जाता है। रेडिएशन थेरेपी नॉन सर्जिकल प्रक्रिया है, जो कैंसर कोशिकाओं पर सीधा असर करती है। इसमें गामा रेडिएशन की सहायता से असामान्य रूप से बढ़ रही कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी कई चरणों में की जाती है। इसमें विशेष प्रकार के ड्रग्स, दवा के जरिए बढ़ रही कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इम्यूनोथेरेपी इम्यून सिस्टम को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए प्रबल बनाती है। हार्मोन थेरेपी के जरिए हार्मोन से प्रभावित कैंसर का इलाज किया जाता है। यह थेरेपी प्रोस्टेट कैंसर और स्तन कैंसर पर काफी प्रभावी है।

कैंसर से कैसे बचा जाए?

कैंसर से बचने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाकर और जोखिम कारकों को कम कर कैंसर से बचाव कर सकते हैं। इनमें शराब के सेवन से बचें, धूम्रपान से बचें, फाइबर युक्त आहार का सेवन करें, ज्यादा फैट (वसा) लेने से बचें, नियमित रूप से सभी वैक्सीन लें, तनाव से बचें, बीएमआई चेक कराते रहें और हर हाल में हेल्दी जीवन-शैली को अपनाएं। वहीं थेरेपी में आ रहे सुधारों की वजह से बचपन में होने वाले कैंसर के बाद जिंदा रहने वालों की दर में बढ़ोतरी हुई है, जो अमेरिका में अब औसतन 80 प्रतिशत से ज्यादा है। वैज्ञानिक कैंसर की आनुवंशिक वजहों और कोशिकाओं के खास लक्षणों के बारे में ज्यादा जानने के प्रयास में जुटे हैं। ये खोजें कैंसर के निदान और उसके उपचार को बेहतर बनाएंगी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि शरीर में असामान्य रूप से कोशिकाओं का लगातार बढ़ना कैंसर का रूप धारण करता है। अचानक वजन बढ़ना या घटना, त्वचा के रंग में परिवर्तन, गांठ आदि कैंसर के कुछ लक्षण हैं, जिनका संकेत मिलते ही सभी को डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर कैंसर के जोखिम से बचा जा सकता है और स्वस्थ रह सकते हैं।

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