अब जयपुर के मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों से बनेगी कम्पोस्ट खाद
अब जयपुर के मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों से बनेगी कम्पोस्ट खाद
• प्रमुख मंदिरों से प्रतिदिन औसतन तीन हजार किलो फूल निकलते हैं।
जयपुर। छोटी काशी जयपुर के मंदिरों में चढ़ने वाले फूल और मालाओं से अब कम्पोस्ट खाद बनाई जाएगी। यह बीड़ा उठाया है जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने। शुरुआत बड़े मंदिरों से की जाएगी। इसके लिए चयनित स्थान पर ‘कंपोस्टर मशीनें’ लगाई जाएंगी।
जयपुर के प्रमुख बीस बड़े मंदिरों की बात करें तो प्रतिदिन एक मंदिर से औसतन डेढ़ सौ किलो फूल व मालाएं निकल रही हैं। इस अनुमान से तीन हजार किलो फूल व मालाएं प्रतिदिन भगवान को चढ़ाई जा रही हैं यानि कि 3 टन प्रतिदिन। जबकि विशेष दिन, तीज व त्यौहारों में यह आंकड़ा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए ग्रेटर नगर निगम ने भक्तों की आस्था को बनाए रखने के लिए एक सराहनीय पहल करते हुए इन फूल व मालाओं से कम्पोस्ट खाद बनाने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत कुछ चुनिंदा मंदिरों से की जाएगी।
इस निर्णय के बाद यह कहा जा सकता है कि छोटी काशी की सड़कों व कचरा पात्रों में अब भगवान की मूर्तियों पर चढ़ी हुई मालाएं व फूल यूं ही नहीं फेंक दिए जाएंगे। बल्कि मंदिरों में चढ़ने वाले फूल व मालाएं अब जल्द ही कम्पोस्ट खाद बनकर निकलेंगे। शुरुआती चरण में प्रमुख बड़े मंदिरों के फूलों का उपयोग खाद बनाने में किया जाएगा। इसके बाद बाकी मंदिरों से भी इन फूलों को इकट्ठा करके खाद बनाई जाएगी। यह खाद पौधों की बढ़वार में सहायक होगी।
कंपोस्टर मशीनों के लिए स्थान चयनित किए जाएंगे। इसके लिए शहर के संत- महंतों से सुझाव मांगे गए हैं। प्रस्ताव संत-महंतों ने स्वीकार कर लिया है। कम्पोस्ट मशीन एक बार में कितने फूलों से खाद बना सकेगी, इस बारे में तकनीकी टीम निगम को इसकी क्षमता से जुड़ी हुई जानकारी देगी।
नगर निगम की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर कहती हैं- ”शहर के संत-महंतों को इस संबंध में सुझाव दिया गया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। फिलहाल निगम की ओर से चिह्नित जगहों पर कम्पोस्ट खाद बनाने की सहमति दे दी गई है। शुरुआत मोती डूंगरी गणेश मंदिर व झारखंड महादेव जैसे मंदिरों से की जाएगी। प्रारंभिक चरण में दो कम्पोस्ट मशीनें लगाई जाएंगी।“
नगर निगम की इस पहल पर मोती डूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने कहा- निगम का सुझाव हमने भी मान लिया है। हम भी अपने क्षेत्र में मालाओं से कंपोस्ट खाद बनाएंगे। इसके लिए नगर निगम को मंदिर की ओर से एक कंपोस्ट खाद बनाने की मशीन भी देंगे।
नरवर आश्रम सेवा समिति, खोले के हनुमान मंदिर के महामंत्री बीएम शर्मा ने कहा, फूलों से कम्पोस्ट खाद बनाने की पहल स्वागत योग्य है। सुझाव पर सहमति बन गई है। अब जैसे ही स्थान तय हो जाएगा, फूलों से खाद बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा।