चौमूं में प्रार्थना सभा की आड़ में चल रहा था कन्वर्जन का खेल, हिन्दू संगठनों ने किया विरोध
चौमूं में प्रार्थना सभा की आड़ में चल रहा था कन्वर्जन का खेल, हिन्दू संगठनों ने किया विरोध
जयपुर। जयपुर जिले के चौमूं में दो दिन पहले रविवार को एक मकान में प्रार्थना सभा की आड़ में कन्वर्जन के षड्यंत्र का खुलासा हुआ है। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस जब प्रार्थना स्थल पर पहुंची, तो वहां दो लोग ईसाई समाज में की जाने वाली प्रार्थना करवा रहे थे।
क्या था मामला
चौमूं के रैगर मोहल्ले में रविवार सुबह एक घर में प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी। इसमें अनुसूचित जाति समाज के कई लोग एकत्रित थे। सत्येंद्र स्टीफन नाम का व्यक्ति अपने एक साथी के साथ ईसाई समाज की प्रार्थना करवा रहा था। प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा के आयोजन के नाम पर कुछ लोगों को शक हुआ, वे पहुंचे तो देखा भोले भाले लोगों को बहकाया जा रहा था। शोर हुआ तो लोग इकट्ठे होने लगे। आक्रोशित कस्बावासियों ने सत्येंद्र का विरोध किया और पुलिस बुला ली।
पैसों का लालच देकर कन्वर्जन का प्रयास
वहॉं उपस्थित लोगों ने बताया कि काफी समय से प्रत्येक रविवार को इस घर में सत्येंद्र स्टीफन प्रार्थना सभा करवा रहा है। वह अनुसूचित जाति के गरीब लोगों को पैसे और नौकरी देने का लालच देता है। कुछ लोगों को उसने 100 से 200 रुपए दिए भी हैं।
वहीं चौमूं पुलिस थाने के निरीक्षक जालम सिंह ने बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति से सूचना मिली थी कि बिना अनुमति के रैगर मोहल्ले में प्रार्थना सभा आयोजित की गई है। इस पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो सत्येंद्र ईसा मसीह की प्रार्थना करवा रहा था। वह लोगों से कह रहा था कि प्रार्थना से बीमारियों का इलाज होता है। जब पुलिस ने अनुमति के बारे में पूछा तो उसने इस आयोजन के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं होने की बात कही। पुलिस ने तुरंत ही आयोजन को बंद कराकर युवक को वहॉं से रवाना करवा दिया।
हिन्दू संगठनों ने किया विरोध
हिन्दू संगठनों ने ऐसी प्रार्थना सभाओं, कन्वर्जन और सत्येंद्र को मौके से भगाने का विरोध किया। विहिप मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे गहरा षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा, लालच देकर, झूठ-फरेब से भोले भाले लोगों को बरगलाना गलत है। बजरंग दल के संयोजक मनीष गवारिया ने ऐसे मामलों को अफसोसजनक बताया और हिन्दू समाज से बहकावे में न आने की अपील की।
उल्लेखनीय है, तीन महीने पहले उदयपुर के भूपालपुरा क्षेत्र के पन्ना विहार में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। वहॉं कोचिंग संस्थान की आड़ में युवक-युवतियों को ईसाई बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा था और प्रत्येक शनिवार व रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता था।