किशनगढ़ बास के जंगलों में अब भी हो रही है गोकशी, एक वर्ष पहले हुआ था बीफ मंडी का खुलासा
किशनगढ़ बास के जंगलों में अब भी हो रही है गोकशी, एक वर्ष पहले हुआ था बीफ मंडी का खुलासा (सांकेतिक इमेज)
किशनगढ़ बास। राजस्थान के खैरथल स्थित किशनगढ़ बास में एक बार फिर से गोकशी की घटना सामने आई है। क्षेत्र के बृसंगपुर के जंगलों में दो दिनों से लगातार गोवंश के अवशेष मिलने पर संपूर्ण हिन्दू समाज में आक्रोश फैल गया। इससे पहले भी इस क्षेत्र में इस प्रकार के मामले सामने आते रहे हैं। पिछली बार तो बीफ मंडी के खुलासे के बाद पूरा थाना लाइन हाजिर हुआ था, पुलिस चौकी भी बनी, अवैध कब्जों पर बुलडोजर भी चला, लेकिन गोकशी पर लगाम नहीं लगी।
मामले में विश्व हिन्दू परिषद के जिला उपाध्यक्ष प्रहलाद छंगानी ने कहा कि एक वर्ष पहले इसी क्षेत्र में काफी संख्या में गोवंश को काटे जाने का भंडाफोड़ हुआ था। तब प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए किशनगढ़ बास के पूरे थाने को लाइन हाजिर किया था। उस समय प्रशासन ने यहां एक पुलिस चौकी भी खोली थी, जो अब केवल नाम मात्र की है। प्रशासन के अनुसार इस चौकी में हर समय चार लोगों का जाप्ता रहता है। परंतु बीच-बीच में हम कई बार यहां आए, तो इस चौकी में दो ही लोग मिले। इस क्षेत्र में गोवंश खैरथल – किशनगढ़ बास होते हुए ही आता है। यहां पुलिस न तो गश्त करती है और न ही गोतस्करों के विरुद्ध कोई कार्यवाही।
छंगानी ने आगे बताया कि क्षेत्र में लगातार दो दिनों से गोकशी हो रही है। बछड़े के 5-7 दिन पुराने कटे हुए अवशेष मिले हैं अभी यहां। यदि प्रशासन द्वारा जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई तो संपूर्ण हिन्दू समाज आंदोलन करेगा।
संपूर्ण मामले में थानाधिकारी का कहना कि बुधवार को ग्रामीणों ने सूचना दी कि जंगल में गोकशी हुई है। मौके पर पुलिस को गाय की खाल मिली। जिस पर पुलिस द्वारा अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध गोवंश अधिनियम के विरुद्ध मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि एक वर्ष पहले प्रशासन ने बड़े पैमाने पर गोकशी, बीफ मंडी और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खुलासे के बाद रूंध की भूमि को वन भूमि में दर्ज कर गोशाला बनाने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक गोशाला का निर्माण नहीं हुआ। सदा की तरह गोकशी की घटनाएं ज्यों की त्यों जारी हैं।