राजस्थान में गो तस्करों के हौसले बुलंद, गोवंश पर हो रहे हमलों से उपजा आक्रोश

राजस्थान में गो तस्करों के हौसले बुलंद, गोवंश पर हो रहे हमलों से उपजा आक्रोश

राजस्थान में गो तस्करों के हौसले बुलंद, गोवंश पर हो रहे हमलों से उपजा आक्रोशराजस्थान में गो तस्करों के हौसले बुलंद, गोवंश पर हो रहे हमलों से उपजा आक्रोश

जयपुर। राजस्थान में गो तस्करी और गोकशी की घटनाएं लगभग प्रतिदिन ही सामने आ रही हैं। इनमें सर्वाधिक प्रकरण मेवात क्षेत्र (अलवर, भरतपुर) के होते हैं। लाख प्रयासों के बाद भी पुलिस गो तस्करी पर अंकुश नहीं लगा पा रही। गाय से हिन्दुओं की आस्थाएं जुड़ी हैं, इसलिए जब भी तस्करी या गोकशी का समाचार सामने आता है, सामाजिक वातावरण प्रभावित होता है।

6 अक्टूबर को बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी में सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पास नंदी का सिर और धड़ अलग अलग पड़े मिले तो बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए और आक्रोश जताया। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में ट्रक की टक्कर से नंदी की मृत्यु के खुलासे के बाद मामला शांत हो गया। हालांकि इन लोगों ने प्रशासन को तीन दिन में मामले की जांच कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

5 अक्टूबर को बालोतरा जिले के पचपदरा में सद्दीक खान पुत्र नेकू खान निवासी पचपदरा बछड़े का एक पैर काटकर फरार हो गया। पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया है।

तस्करी की ही बात करें तो जयपुर जिले के जमुवारामगढ़ क्षेत्र में आंधी स्टेट हाईवे पर संचालित पशु हटवाड़ा गो तस्करों के लिए उपयुक्त स्थान बन चुका है। दुधारू गोवंश ले जाने की आड़ में गायों की तस्करी की जा रही है। गो रक्षा दल की सूचना पर पुलिस ने 5 अक्टूबर को एक वाहन को रोककर जांच की, तो उसमें गोवंश मिले। पुलिस ने गोवंश तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। विभिन्न संगठनों ने गोवंश की तस्करी को लेकर कड़ा विरोध जताया और गो तस्करों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।

इसी प्रकार डीग जिले के सेत गांव में 3 सितंबर को देर रात गो तस्करों और क्यूआरटी पुलिस टीम के बीच मुठभेड़ का मामला सामने आया है। इस मुठभेड़ में तस्करों ने पुलिस पर कई राउंड फायरिंग की। पुलिस ने तस्करों का लगभग 8 किलोमीटर तक पीछा किया और चार गो तस्करों को पकड़ लिया। ये तस्कर स्विफ्ट गाड़ी में गो तस्करी कर रहे थे। 

इससे पहले 20 अगस्त को करौली जिले की टोडाभीम थाना पुलिस ने गो तस्करी के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए तड़के 4.30 बजे हिंडौन से गायों से भरा एक कंटेनर ट्रक जब्त किया था, जिसमें ठूंस ठूंस कर गोवंश भरा था। कंटेनर खाली करने पर पता चला इनमें 31 गायें मृत थीं, सिर्फ एक जीवित थी।

दौसा में तो गो तस्कर एम्बुलेंस जैसी दिख रही गाड़ी में गोतस्करी करते पकड़े गए। गश्त के दौरान पुलिस ने एक ऐसी बोलेरो गाड़ी पकड़ी, जो देखने में एम्बुलेंस जैसी लग रही थी। इस गाड़ी में एक गाय को बंधक बनाकर ले जाया जा रहा था। घटना 6 अगस्त को दौसा के सिंगवाड़ा चौराहे की है, जहां डीएसपी रवि शर्मा रात में गश्त कर रहे थे। तभी उन्हें एक संदिग्ध बोलेरो दिखाई दी जिस पर एम्बुलेंस लिखा हुआ था और हरे रंग के पर्दे लगे थे। डीएसपी ने गाड़ी रुकवाई तो चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और भागने लगा। डीएसपी ने तुरंत नाकेबंदी करवाई और बोलेरो का पीछा किया। इस दौरान बोलेरो ने डीएसपी की गाड़ी को टक्कर मारने का भी प्रयास किया। काफी देर तक पीछा करने के बाद तस्कर अंधेरे का लाभ उठाकर गाड़ी लेकर फरार हो गए। सुबह यह बोलेरो लवाण थाना क्षेत्र के मटवास गांव के पास मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने गाय को मुक्त कराया और बोलेरो को अपने कब्जे में ले लिया। बोलेरो से एक देसी कट्टा और गायों को बांधने के लिए रस्सियां भी बरामद हुई हैं।

सरकार और पुलिस की सख्ती के बाद गो तस्करों ने भी अपने काम का तरीका बदल लिया है। पहले कंटेनर और पिकअप में गो तस्करी होती थी, लेकिन चकमा देने के लिए लग्जरी वाहनों या एम्बुलेंस का उपयोग चिंतनीय है। ऐसे मामलों को देखते हुए अब पुलिस की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *