बांग्लादेश में हिन्दुओं की लक्षित हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म तथा मंदिरों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय- होसबाले

बांग्लादेश में हिन्दुओं की लक्षित हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म तथा मंदिरों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय- होसबाले

बांग्लादेश में हिन्दुओं की लक्षित हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म तथा मंदिरों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय- होसबालेबांग्लादेश में हिन्दुओं की लक्षित हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म तथा मंदिरों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय- होसबाले

दिल्ली, 9 अगस्त। बांग्लादेश में हिन्दुओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। उनके पूरे के पूरे गाँव जला दिए गए हैं। बड़ी संख्या में हिन्दू मारे जा रहे हैं, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय वामपंथी मीडिया हिन्दुओं के विरुद्ध इस्लामी कट्टरपंथियों के अत्याचारों पर पर्दा डाल रहा है। इसमें अलजजीरा, स्क्रोल, न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे मीडिया हाउस शामिल हैं। अत्याचार की रिपोर्ट दिखाने वालों को अल जजीरा ने तो इस्लामोफोबिक ही बताना शुरू कर दिया है। अल जजीरा का कहना है कि हिन्दुओं पर हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि वे सत्ता से बाहर हो चुकी आवामी लीग के समर्थक के तौर पर देखे जाते हैं। उसके अनुसार इन हमलों के पीछे मजहबी कारण तो बिल्कुल नहीं हैं। अल जजीरा का कहना है, यह वैसा ही है, जैसा भारत में मुस्लिमों के साथ होता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि बार बार बेनकाब होने के बावजूद ये मीडिया हाउस इतना झूठ कैसे परोस लेते हैं। वे भी जानते हैं कि मुसलमान के लिए हर हिन्दू काफिर है और इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार काफिर को मारने से जन्नत मिलती है। बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा जन्नत के दरवाजे खोलने जैसी है।

 

पूरे मामले में इंडी गठबंधन चुप है। किसी को भी हिन्दुओं से सहानुभूति नहीं है। वे मरते हैं तो मरें, क्योंकि वे उनका संगठित वोट बैंक नहीं। खैर! इसी बीच (9 अगस्त 2024 को) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का एक वक्तव्य आया है, जिसमें उन्होंने हिन्दुओं की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है, “विगत कुछ दिनों से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के आंदोलन के दौरान हिन्दू, बौद्ध तथा वहाँ के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रही हिंसा की घटनाओं पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गंभीर चिंता व्यक्त करता है। बांग्लादेश में हिन्दू तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या, लूटपाट, आगज़नी, महिलाओं के साथ जघन्य अपराध तथा मंदिर जैसे श्रद्धास्थानों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसकी घोर निंदा करता है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपेक्षा है कि वह ऐसी घटनाओं पर तुरंत सख़्ती से रोक लगाये और पीड़ितों के जान, माल व मान की रक्षा की समुचित व्यवस्था करे। उन्होंने कहा, इस गंभीर समय में विश्व समुदाय तथा भारत के सभी राजनीतिक दलों से भी अनुरोध है कि बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार बने हिन्दू, बौद्ध इत्यादि समुदायों के साथ एकजुट होकर खड़े हों।

बांग्लादेश की परिस्थिति में एक पड़ोसी मित्र देश के नाते सुयोग्य भूमिका निभाने का प्रयास कर रही भारत सरकार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आग्रह करता है कि बांग्लादेश में हिन्दू, बौद्ध आदि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु हरसंभव प्रयास करे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा रोकने के लिए कहा है। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह ने वहाँ की स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति बनाई है। विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने विभिन्न हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन निकाला।

अलीगढ़ में विश्व हिन्दू परिषद के जिला प्रचार प्रमुख प्रतीक रघुवंशी के नेतृत्व में सर्व हिन्दू समाज ने शुक्रवार (9 अगस्त) को शहर में आक्रोश यात्रा निकाली। यह यात्रा अचलताल स्थित विहिप कार्यालय के सामने से शुरू होकर धर्म समाज कॉलेज के सामने से होते हुए विहिप कार्यालय तक वापस पहुँची।

इस दौरान हिन्दू संगठनों ने बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध हो रही हिंसा का विरोध किया। उन्होंने ‘बांग्लादेशियो होश में आओ’ और ‘तेरा मेरा रिश्ता क्या, जय जगन्नाथ… जय श्रीराम’ जैसे नारे भी लगाए। हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने ‘आल आईज ऑन बांग्लादेशी हिन्दू’ और ‘हिन्दू लाइव्स मैटर’ जैसे बैनर-पोस्टर भी अपने हाथों में लिए हुए थे।

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