ऐश मौज के लिए करते थे साइबर ठगी, पुलिस ने मूला, आदिल और अन्य को ठगी करते पकड़ा
ऐश मौज के लिए करते थे साइबर ठगी, पुलिस ने मूला, आदिल और अन्य को ठगी करते पकड़ा
अलवर / डीग। पुलिस की चाक चौबंदी के बाद भी साइबर ठगों के हौंसले बुलंद हैं। साइबर ठग इसे अपराध नहीं रोजगार बताते हैं। उनकी बेतहाशा कमाई को देखते हुए नाबालिग किशोर भी साइबर ठगी के गुर सीख रहे हैं और ऐश मौज के लिए पैसे कमा रहे हैं। इसके लिए वे सेक्सटॉर्शन जैसे अपराध करने से भी नहीं चूकते। पिछले दिनों अलवर के गोविंदगढ़ क्षेत्र में मुखबिरी के बाद ऑपरेशन एंटीवायरस के अंतर्गत पुलिस ने जब गॉंव शाकीपुरा में दबिश दी तो देखा कि तीन लोग खेत की मेड़ पर बैठकर साइबर ठगी कर रहे हैं, जिनमें एक नाबालिग भी है। तीनों पुलिस को देख कर भागने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। ठगों की पहचान अफसर उर्फ मूला (पुत्र स्व. अली शेर खान, निवासी शाकीपुर) और आदिल खान (पुत्र जाहुल खान, निवासी शाकीपुर) के रूप में की गई है। तीसरे का नाम नाबालिग होने के नाते उजागर नहीं किया गया।
इनमें एक ठग अफसर ने बताया कि वह ट्रक ड्राइवर है और बाहर से 500 रुपए में सिम लाकर यहां ऊंचे दामों में साइबर ठगों को बेचता है। वहीं आदिल ने बताया कि उसे लग्जरी गाड़ियों का शौक है। आदिल और नाबालिग ऐश मौज के लिए साइबर ठगी करते हैं। आदिल ने बताया कि वह कक्षा 12 का छात्र है और सर्दियों की छुट्टियों के कारण खाली समय में साइबर ठगी करता है। वह अपराध की इस काली कमाई से अब तक 10 लाख रुपए कमा चुका है। पुलिस को आरोपियों के पास से 2 मोबाइल फोन भी मिले हैं, जिनसे वे ठगी कर रहे थे।
इसी तरह पुलिस ने ऑपरेशन शील्ड के अंतर्गत जब डीग जिले के मेवात क्षेत्र के कामां थाने के गांव अकबरपुर पहाड़ी पर छापा मारा, तो 15 लोग ठगी करते मिले। इनके नाम लियाकत पुत्र हारुन, तालिम पुत्र तैयब मेव, मिजान उर्फ मिज्जा पुत्र कमाल मेव, मुनफेद पुत्र जुहरू मेव, वारिस पुत्र नूरू मेव, अरबाज पुत्र जाकिर मेव, राहुल पुत्र ईशाक मेव, इन्साफ पुत्र जाकिर मेव, रासिद पुत्र अलीम मेव व राहुल पुत्र सहाबू मेव हैं। अन्य 5 नाबालिग हैं।
ठगों के पास से 15 मोबाइल और 12 फर्जी सिम बरामद हुए हैं। मोबाइल फोन में लगभग 10 लाख रुपए के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं।
इसके अतिरिक्त सेक्सटॉर्शन संबंधी वीडियो व लड़कियों के फोटो भी पाए गए हैं। ठगों ने बताया कि वे ठगी से प्राप्त धन को फर्जी पहचान पत्रों से जारी बैंक खातों में डलवाकर फर्जी एटीएम कार्डों से निकालकर निजी उपयोग में लेते हैं।