देवराज हत्याकांड: फिर उजागर हुआ वामपंथियों का दोहरा चरित्र

देवराज हत्याकांड: फिर उजागर हुआ वामपंथियों का दोहरा चरित्र

देवराज हत्याकांड: फिर उजागर हुआ वामपंथियों का दोहरा चरित्रदेवराज हत्याकांड: फिर उजागर हुआ वामपंथियों का दोहरा चरित्र

जयपुर। उदयपुर में 16 अगस्त को सरकारी विद्यालय में दसवीं कक्षा के छात्र देवराज मोची को उसके ही सहपाठी ने चाकू मार दिया। तीन दिन जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष के बाद रक्षाबंधन के दिन देवराज ने दम तोड़ दिया। इसके बाद इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए, जिनमें बताया गया कि आरोपी का पिता भी एक सटोरिया है, जो अपने बेटे को बड़ा गुंडा बनना चाहता था। वह उसे अपराध करने के लिए लगातार उकसा रहा था। पिता ने ही कपासन के मेले से बेटे को 400 रुपए में चाइनीज चाकू खरीद कर दिया था। इसके बाद से ही आरोपी छात्र धौंस जमाने के लिए हर समय चाकू रखकर घूमता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिता की प्रेरणा से ही आरोपी ने सहपाठी देवराज को झगड़े के बाद चाकू घोंपा था। मामला मीडिया में सुर्खियां बना तो कांगी-वामी इकोसिस्टम सक्रिय हो गया और घटना के सामान्यीकरण में जुट गया। अब चूंकि इस मामले में आरोपी मुस्लिम है और पीड़ित अनुसूचित जाति वर्ग से था, इसलिए इन बुद्धिजीवियों ने मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया। कहा गया कि आरोपित मुस्लिम है इसलिए बतंगड़ बनाया जा रहा है। यह तो दो बच्चों के बीच मामूली झगड़ा था, दोनों अच्छे दोस्त थे, घर आया जाया करते थे। आरोपी बच्चा है।

वैसे इन बुद्धिजीवियों का प्रोपेगेंडा लोग अब समझने लगे हैं। समाजसेवी विक्रांत अरोड़ा कहते हैं, ‘वामपंथी बुद्धिजीवी एक निश्चित पैटर्न पर काम करते हैं। यदि मामला तथाकथित ऊंची जाति व अनुसूचित जाति के बीच का है, तब वे जाति को मुद्दा बनाते हैं। ऊंची जाति नीची जाति करते हैं, मनुवाद, ब्राह्मणवाद और न जाने किस किस को बीच में लाते हैं, और हिन्दू समाज को विभाजित करने का हर सम्भव प्रयास करते हैं।

यदि मामला हिन्दू और मुस्लिम के बीच का है तो इनका एजेंडा बदल जाता है। फिर हिन्दू पक्ष से चाहे अनुसूचित जाति समाज से ही कोई क्यों ना हो। ये अपनी पूरी शक्ति उस मुस्लिम को बचाने में लगा देते हैं। तब इन्हें वंचितों पर अत्याचार दिखना बंद हो जाता है। अब ये अल्पसंख्यकों के अधिकारों और मानवाधिकारों की बात करने लगते हैं और ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं, जैसे मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। मुसलमान डर के साये में जी रहा है।’

देवराज मोची मामले में भी यही हो रहा है। इसमें मृतक छात्र अनुसूचित जाति से और आरोपी छात्र मुस्लिम समाज से है। अब वंचितों के साथ खड़े होने का दम्भ भरने वाले संगठन और पार्टियां आरोपी छात्र का पक्ष ले रही हैं, कह रही हैं कि मीडिया में छपे समाचार एक तरफा हैं। ऐसा कहकर ये लोग इस मामले को नया मोड़ देने के प्रयास में हैं। अब इन्हें पीड़ित मोची परिवार की चिंता नहीं।

इस मामले में सबसे पहले बांसवाड़ा से बाप पार्टी के सांसद राजकुमार रौत ने प्रश्न उठाए। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि उदयपुर शहर में स्कूली बच्चों में चाकूबाजी की घटना निंदनीय है, दोषी को कानूनी जो भी सजा है वो मिलनी चाहिये, लेकिन आज भाजपा सरकार ने नाबालिग मुल्जिम के घर पर बुलडोज़र चलाकर धर्मवाद का जहर घोलने का काम किया है। राजस्थान में तलवार से गला कटेगा तो कुछ नहीं चलेगा, चाकू चली तो बुलडोज़र चलेगा?

इसके बाद कांग्रेस की चार सदस्यीय टीम देवराज के घर पहुंची। सांसद भजनलाल जाटव, पूर्व मंत्री रामलाल जाट, उदयलाल अंजाना और ताराचंद मीना ने देवराज के परिवार के साथ बात की। कांग्रेस सांसद भजनलाल जाटव ने कहा कि दो वर्ष पहले उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड हुआ था। उस समय सरकार ने वातावरण शांत रखा, मगर अब तोड़फोड़ और आगजनी जैसी घटनाएं हुईं।

इसके बाद पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) राजस्थान और माकपा जिला कमेटी उदयपुर की संयुक्त टीम देवराज के घर पहुंची। देवराज के परिवार को सांत्वना देने के बाद इस प्रतिनिधि मंडल ने घटना के बाद उदयपुर शहर में हुई तोड़फोड़ एवं आगजनी वाले स्थान का भी दौरा किया। प्रतिनिधि मंडल ने इसके लिए स्कूल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा विभाग द्वारा घटना की जांच के लिए बनाई जांच कमेटी पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि प्रिंसिपल स्तर के अधिकारी को ही जांच अधिकारी नियुक्त करने पर भला न्याय हो सकता है? जांच के लिए किसी अन्य उच्च पदाधिकारी को लगाया जाकर निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित करना चाहिए।

दौरे के दौरान यह प्रतिनिधि मंडल आरोपी छात्र के घर भी गया और उसकी मां से मिला। प्रतिनिधि मंडल को आरोपी की अम्मी ने बताया कि मेरे शौहर बेटे के साथ कपासन उर्स मेले में नहीं गए थे। मेरा बेटा अपनी बहन के साथ कपासन मेले में गया था और उसने वहां से कोई चाकू नहीं खरीदा। आरोपी की अम्मी ने कहा कि उसके शौहर का कोई अपराध नहीं है, लेकिन उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया? आरोपी की अम्मी ने बताया कि उसका पुत्र एवं देवराज अच्छे मित्र थे और दोनों का एक दूसरे के घर पर आना-जाना था, लेकिन यह घटना कैसे हो गई, दुख और आश्चर्य की बात है। इसके बाद यह प्रतिनिधि मंडल उस स्थान पर भी गया, जहां प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर वन भूमि पर बने अवैध निर्माण को तोड़ दिया था। इस प्रतिनिधि मंडल में पीयूसीएल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव, राज्य सचिव भंवर मेघवंशी, जिला अध्यक्ष अरुण व्यास, जिला सचिव याकूब मोहम्मद, माकपा के जिला सचिव राजेश सिंघवी, शहर सचिव हीरालाल सालवी, सामाजिक कार्यकर्ता मधुलिका, नवीन नारायण और सरफराज शेख शामिल थे। लेकिन इनमें से कोई अभी तक देवराज मोची के घर तक नहीं पहुंच पाया है।

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