स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान- निम्बाराम

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान- निम्बाराम

स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान- निम्बारामस्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान- निम्बाराम

कोटा, 7 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम के समापन अवसर पर राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ का निरन्तर विस्तार हो रहा है, जिसका आधार स्वयंसेवकों का आत्म अनुशासन व उनकी सामाजिक आत्मीयता है। उन्होंने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। संघ मनुष्य का विवेक जागृत कर उसे श्रेष्ठ आचरण के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि समाज में जन्म आधारित भेदभाव समाप्त होना चाहिए। सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकात्म व समरस बनाने के लिए हमें स्वयं एवं परिवार में बदलाव लाने होंगे। परिवार ही अपने समाज में सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का संवर्द्धन कर उन्हें अगली पीढ़ी में ले जाने का सशक्त माध्यम है। पारिवारिक जीवन निभाते समय छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से जीवन में बड़ा परिवर्तन आता है।

परिवार से ही पर्यावरण के प्रति चेतना, पंच तत्वों की उचित देखभाल, जल व ऊर्जा की बचत करने आदि का भाव आता है। अतः परिवार में समाज व देश के हित के विषयों की समय समय पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्व भारत की आत्मा है। जब स्व आधारित जीवन होगा तभी भारत की विश्व में साख बढ़ेगी। स्वधर्म, स्वभाषा, स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग व तंत्र अर्थात शिक्षा, न्याय व्यवस्था आदि में स्व आने से स्वतंत्रता सार्थक होगी। व्यक्ति से लेकर राष्ट्र के सम्पूर्ण जीवन पर्यन्त सभी आयामों में स्व का प्रकटीकरण ही परम वैभव का सोपान है। और यह होगा कर्तव्य पालन की प्रतिबद्धता से। भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने पर प्रत्येक सुसभ्य नागरिक सामाजिक जीवन में अनुशासन लाने के लिए कृत संकल्प होकर अपना उदाहरण प्रस्तुत करे। साथ ही वैचारिक संघर्ष के समय में अफवाह फैलाकर दुष्प्रचार के माध्यम से समाज तोड़ने का प्रयास करने वालों से सजग रहे। समाज की सज्जन शक्ति को साथ लेकर चलने से, उनको सक्रिय करने से संघ समाज रूपी सागर से एकाकार हो सकेगा।

प्रकट समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा अतिथियों के स्वागत के रूप में स्वागत प्रणाम तथा घोष वादन किया गया। कार्यक्रम में ध्वजारोहण के पश्चात स्वयंसेवकों ने ध्वज की परिक्रमा कर गुरु वंदन किया। उसके पश्चात घोष संरचना, दंड, व्यायाम योगासन, दंड योग, गण समता एवं का प्रदर्शन किया। स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से एक स्वर में गीत सूत्रपात नवयुग वेला का गाया।

वर्ग कार्यवाह द्वारा मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाकर प्रतिवेदन का वाचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वंशवर्धन सिंह महाराव रहे। कार्यक्रम के दौरान हुई बारिश में भी सभी स्वयंसेवकों ने अनुशासन का पालन किया और बिना हिले डुले बैठे रहे।

इस बीस दिवसीय वर्ग में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अरुण कुमार जैन, अखिल भारतीय गौ सेवा प्रशिक्षण प्रमुख शंकरलाल का सानिध्य प्राप्त हुआ। अखिल भारतीय अधिकारियों के अतिरिक्त क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री, सह क्षेत्र कार्यवाह गेंदालाल, क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, क्षेत्र शारीरिक शिक्षण प्रमुख गंगाविष्णु , क्षेत्र बौद्धिक शिक्षक प्रमुख डॉ. श्रीकांत, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिवलहरी, क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख श्याम मनोहर एवं प्रान्तीय अधिकारियों का बौद्धिक मिला।

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