दीवाली के पटाखे प्रदूषण फैलाते हैं, आंग्ल नववर्ष के नहीं…?

दीवाली के पटाखे प्रदूषण फैलाते हैं, आंग्ल नववर्ष के नहीं…?

आयुष शर्मा 

दीवाली के पटाखे प्रदूषण फैलाते हैं, आंग्ल नववर्ष के नहीं…?दीवाली के पटाखे प्रदूषण फैलाते हैं, आंग्ल नववर्ष के नहीं…?

हर वर्ष दिवाली पर सोशल मीडिया, बॉलीवुड सेलिब्रिटीज, सरकारी विभाग और अनेक ‘इंफ्लुएंसर’ बड़े-बड़े जागरूकता अभियान चलाते हैं। प्रदूषण पर ज्ञान का ऐसा सैलाब आता है, मानो पूरी पृथ्वी केवल दीवाली के पटाखों से संकट में जाएगी। लेकिन जैसे ही नया अंग्रेजी वर्ष आता है, वही जागरूकता अचानक ‘साइलेंट मोड’ में चली जाती है। आतिशबाजी के धमाके, धुएं के गुबार और पार्टिकुलेट मैटर की मोटी परत पर कोई कुछ नहीं बोलता। क्या ये सब सिर्फ दीवाली पर प्रदूषण फैलाते हैं?

आंग्ल नववर्ष का स्वागत दुनियाभर में आतिशबाजी और उत्सव के साथ होता है, लेकिन यह रंगीन दृश्य पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भारी असर डालता है। नीचे कुछ प्रमुख देशों के प्रदूषण से जुड़े तथ्य हैं, जो इस बात पर जोर देते हैं कि पर्यावरणीय जागरूकता सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।

1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)

 • कैलिफोर्निया

दक्षिणी कैलिफोर्निया में हर वर्ष नववर्ष पर आतिशबाजी से वायु प्रदूषण स्तर 1000% तक बढ़ जाता है।

 • रिपोर्ट के अनुसार, नववर्ष की आतिशबाजी से PM2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) के स्तर में तेजी से वृद्धि होती है, जो लोगों के फेफड़ों और हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

 • यह प्रभाव पूरे सप्ताह बना रहता है, जिससे सांस संबंधी बीमारियां बढ़ती हैं।

2. जर्मनी

 • जर्मनी में नववर्ष के उत्सव के दौरान 4,200 टन अतिरिक्त PM2.5 उत्पन्न हुआ, जो देश के वार्षिक कुल प्रदूषण का लगभग 15% है।

 • 5 लोगों की मौत और 400 से अधिक गिरफ्तारियों की घटनाएं भी सामने आईं।

 • आर्थिक हानि: हर वर्ष लगभग 137 मिलियन यूरो सिर्फ आतिशबाजी के कारण बर्बाद होते हैं।

3. ऑस्ट्रेलिया

 • सिडनी का आतिशबाजी शो: 7 टन से अधिक आतिशबाजी का उपयोग किया गया, जिससे भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और PM10 का उत्सर्जन हुआ।

 • दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में 5 आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं, जो अवैध आतिशबाजी के कारण हुईं।

 • समुद्री प्रदूषण भी बढ़ा, क्योंकि आतिशबाजी के अवशेष समुद्र में गिर गए।

4. चीन

 • नववर्ष के दौरान चीन में प्रदूषण का स्तर कई शहरों में “खतरनाक” श्रेणी में पहुंच गया।

 • बीजिंग और शंघाई में PM2.5 का स्तर 300 μg/m³ तक बढ़ गया (विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा 25 μg/m³ है)।

 • आतिशबाजी के कारण जहरीले सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2) की मात्रा वायुमंडल में खतरनाक स्तर तक पहुंच गई।

5. यूनाइटेड किंगडम (UK)

 • लंदन के नववर्ष आतिशबाजी शो में 8 टन से अधिक CO2 का उत्सर्जन हुआ।

 • हाइड्रोकार्बन और भारी धातुओं के कारण थेम्स नदी और उसके आसपास के जल स्रोत प्रदूषित हो गए।

6. भारत

 • दिल्ली, जो पहले से ही प्रदूषण के संकट से जूझ रही है, ने नववर्ष की रात को 200% तक PM10 और PM2.5 की वृद्धि दर्ज की।

 • यह प्रदूषण स्थायी रूप से हवा की गुणवत्ता को खराब करता है, विशेष रूप से ठंड के मौसम में।

 • सरकार ने आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाए, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण इसका पालन सीमित ही रहा।

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