ईद मिलाद के जुलूस में मुसलमानों ने राष्ट्रीय ध्वज व पटेल की प्रतिमा का किया अपमान, तिरंगे में लगाए चाँद-तारे तो प्रतिमा को पहनायी जूतों की माला
ईद मिलाद के जुलूस में मुसलमानों ने राष्ट्रीय ध्वज व पटेल की प्रतिमा का किया अपमान, तिरंगे में लगाए चाँद-तारे तो प्रतिमा को पहनायी जूतों की माला
कोटा। हाल ही में देशभर में मनाए गए ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूसों में कोटा (राजस्थान) से लेकर छपरा (बिहार) तक राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने की घटनाएं सामने आई हैं। बरेली के नवाबगंज में जुलूस के दौरान जुलूस में शामिल मुसलमानों ने सरदार पटेल की प्रतिमा को जूतों की माला पहनायी। जुलूसों में तिरंगे का उपयोग करते समय अशोक चक्र को हटाकर उसके स्थान पर चाँद-तारे का प्रतीक लगाया गया, जिससे देशवासियों में गहरा आक्रोश फैल गया है।
कोटा में ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर निकाले गए जुलूस में तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा गया, लेकिन इस तिरंगे में अशोक चक्र के स्थान पर चाँद-तारे का प्रतीक स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। यह घटना कैमरों में कैद होने के बाद सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की कड़ी आलोचना शुरू हो गई।
जानकारी के अनुसार, वीडियो अनंतपुरा क्षेत्र से निकल रहे जुलूस का है। इसमें तिरंगे झंडे में चांद-सितारे बने हुए थे। वीडियो पर संज्ञान लिया गया और अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 2 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।
वहीं छपरा, बिहार में भी इसी तरह की घटना की सूचना मिली है, जहां सारण जिले के कोपा बाजार में एक जुलूस के दौरान तिरंगे के बीच में अशोक चक्र को बदलकर चाँद-तारे का प्रतीक उपयोग किया गया। जिसके बाद इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो वायरल होते ही हंगामा मच गया, और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
इन घटनाओं को लेकर देशभर में नाराजगी है। लोगों का मानना है कि ऐसे कृत्य भारत की अखंडता और एकता पर चोट करते हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की बात कही है।
बाराँ में ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान हंगामा
राजस्थान में बारावफात (इस्लामी पर्व) के अवसर पर 16 सितंबर 2024 को इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने बवाल खड़ा कर दिया। घटना तब हुई जब जुलूस में सम्मिलित भीड़ ने पहले से तय किए गए मार्ग को छोड़कर दूसरे रास्ते पर जाने का प्रयास किया। पुलिस ने इस मार्ग परिवर्तन का विरोध किया, जिसके बाद हालात बिगड़ गए।
भीड़ और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई और भीड़ के कुछ लोगों ने नारेबाजी भी की। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काफी प्रयास किया। इसके लिए अतिरिक्त बल को मौके पर बुलाया गया। तनाव के बाद, पुलिस ने धैर्य से काम लिया और स्थिति को शांत करने में सफल रही।
बाराँ जिला प्रशासन के अनुसार, किसी भी गंभीर हिंसा या जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है और क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
देश में मुसलमानों की अराजक हरकतों के चलते बार बार सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है और साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति बनती है। हाल ही में वक्फ संशोधन बिल के विरुद्ध मुस्लिम समुदाय की गोलबंदी और गणेश पूजा शोभायात्राओं पर मुसलमानों द्वारा हमलों से वातावरण कई बार खराब हुआ। भीलवाड़ा में शोभायात्रा पर मस्जिद की छत से फेंके जा रहे पत्थरों का वीडियो वायरल हुआ। अफसोस की बात यह भी है कि मुस्लिम समाज अब ऐसी हरकतों को अंजाम देने में नाबालिग बच्चों का उपयोग करता है। चांद तारे वाले ध्वज बच्चों के हाथ में देखे गए। वीडियो में पुलिस वाले भी खड़े दिखे।