राजस्थान : 2-2 सौ रुपए में बच्चों के हाथ पैरों के अगूठों के निशान लिए, जानवरों की आंखों की इमेज ली और बना दिए आधार कार्ड

राजस्थान : 2-2 सौ रुपए में बच्चों के हाथ पैरों के अगूठों के निशान लिए, जानवरों की आंखों की इमेज ली और बना दिए आधार कार्ड

राजस्थान : 2-2 सौ रुपए में बच्चों के हाथ पैरों के अगूठों के निशान लिए, जानवरों की आंखों की इमेज ली और बना दिए आधार कार्डराजस्थान : 2-2 सौ रुपए में बच्चों के हाथ पैरों के अगूठों के निशान लिए, जानवरों की आंखों की इमेज ली और बना दिए आधार कार्ड

जयपुर। हाल ही में, राजस्थान सरकार ने हजारों फर्जी आधार कार्ड बनाने के एक गंभीर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इन फर्जी आधार कार्डों को बनाने में पैरों के अंगूठों और जानवरों की आंखों की पुतलियों के निशान का उपयोग किया गया है। ये आधार कार्ड और पैन कार्ड पाकिस्तान की सीमा से सटे सीमावर्ती जिलों में मार्च 2022 से 2024 की शुरुआत तक बनाए गए हैं।

क्या है मामला

राजस्थान में हजारों फर्जी आधार कार्ड पाए गए हैं। इन कार्डों को बनाने में इंसानों के पैरों के अंगूठों और जानवरों की आंखों के निशान का उपयोग किया गया है। इस घोटाले ने आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तकनीकी कमजोरियों को उजागर किया है, जिससे पहचान प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं।

सबसे अधिक फर्जी आधार कार्ड सांचौर जिले में बने। यहां 14 ई-मित्र संचालकों ने दो-दो सौ रुपये देकर आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 100 बच्चों के पैरों व हाथों के अंगूठों के फिंगर प्रिंट लिए और फर्जी आधार कार्ड में उपयोग किए। वयस्कों के भी हाथों के स्थान पर पैरों के अंगूठों के निशान लिए गए। इतना ही नहीं, फर्जी आधार कार्ड में जानवरों की आंखों के निशान भी उपयोग किए गए।

पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है। सीमा से सटे बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर व श्रीगंगानगर जिलों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। सांचौर जिले में ई-मित्र संचालकों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में पुलिस ने दो प्रकरण दर्ज किए थे। एक प्रकरण में जांच में आधार कार्ड का नामांकन रजिस्ट्रार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के अधीन कार्यरत ऑपरेटर कन्हैयालाल की आइडी से होना पाया गया। प्रकरण में संलिप्त ई -मित्र एवं आधार संचालकों के विरुद्ध 21 जून 2024 को सरवाना थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गई।

दूसरे प्रकरण में चितलवाना थाने में मुकदमा दर्ज कर आरोपी मनोहर लाल को 21 जून 2024 को अपराध प्रमाणित पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी शेष है।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

राजस्थान सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से अनुरोध किया है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी ई-मित्रों व आधार केंद्रों की भी जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत आधार मशीनों की वार्षिक रिपोर्ट का भी परीक्षण कराया जाएगा। ई-मित्र संचालकों द्वारा नि:शुल्क सेवाओं व सशुल्क सेवाओं की राशि की जानकारी केंद्र के बाहर लिखा जाना अनिवार्य किया गया है। सरकार का मानना है कि यह घोटाला बहुत बड़ा हो सकता है। इसकी गहन जांच आवश्यक है। फर्जी आधार कार्डों का उपयोग विभिन्न प्रकार की अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, जिनमें वित्तीय धोखाधड़ी, आतंकवादी गतिविधियाँ और अन्य आपराधिक कृत्य शामिल हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ के मामले सामने आते ही रहते हैं। धार्मिक व पर्यटन वीजा पर भारत आने वाले कई पाकिस्तानी नागरिक वापस ही नहीं लौटते। 

मामले का खुलासा होने के बाद 14 आधार केंद्रों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। आईटी और संचार विभाग आधार केंद्रों के संचालन की जांच कर रहा है। पाकिस्तान के सीमावर्ती जिलों में संचालित अधिकृत आधार केंद्रों द्वारा फर्जी आधार कार्ड बनाया जाना वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मामला है।

 

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