जमीन गायत्री मंदिर की, बना दी मस्जिद, अब बढ़ा रहे उसका आकार, हिन्दू संगठनों का फूटा गुस्सा
जमीन गायत्री मंदिर की, बना दी मस्जिद, अब बढ़ा रहे उसका आकार, हिन्दू संगठनों का फूटा गुस्सा
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मड़ई स्थित क्षेत्र में मस्जिद निर्माण का मामला एक बार पुन: गरमा गया है। गायत्री मंदिर की भूमि पर खसरा नंबर 169 पर एक मस्जिद बनाने को लेकर चल रहे प्रकरण में हाल ही में विवाद बढ़ गया। इस मामले में हिन्दू संगठनों ने गुरुवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इन संगठनों का कहना है कि मंदिर की भूमि पर मस्जिद का निर्माण अवैध है, इसके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए। बजरंग दल ने इस मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की माँग की है तथा 10 दिनों में कार्रवाई न होने पर कारसेवा करने की घोषणा की है।
विवाद का मूल कारण
गायत्री मंदिर की भूमि को लेकर हालिया विवाद तब शुरू हुआ, जब इस भूमि पर मस्जिद का विस्तार कार्य शुरू कर दिया गया। यह भूमि गायत्री मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत आती है और हिन्दू संगठनों का कहना है कि धार्मिक महत्व के चलते इस पर किसी भी अन्य धार्मिक संरचना का निर्माण करना अवैध है। वहीं पूर्व में मुस्लिम समुदाय का कहना था कि यह दावा गलत है और वो भूमि उनकी ही है। उनकी मस्जिद 50 वर्ष पहले बनी थी। जमीन के खसरे में ट्रस्ट का नाम किसी की गलती से चढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट से सामने आया है कि मुस्लिम समुदाय ने जिस भूमि पर मस्जिद बनायी है, वह रिकॉर्ड में हिन्दू गायत्री मंदिर के नाम पर रजिस्टर्ड है। विश्व हिन्दू परिषद इस मस्जिद को लैंड जिहाद बताते हुए 3 वर्ष से कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। अब मस्जिद का आकार और बड़ा किए जाने का आरोप लगाते हुए सुमित सिंह ठाकुर ने प्रशासन से इस पर तुरंत रोक लगाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 से मस्जिद पर स्टे है। उन्होंने क्षेत्र में रोहिंग्या मुस्लिमों की भी घुसपैठ होने की आशंका जताई है।
वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद में भीड़ बढ़ने के कारण कुछ निर्माण कार्य करवाया जा रहा है, जिसे विवाद का कारण बनाया जा रहा है।
हिन्दू संगठनों का विरोध
हिन्दू संगठनों ने जबलपुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया जाए और मस्जिद का निर्माण रोका जाए। संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे कारसेवा करेंगे, जो अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के समय की तरह का कदम होगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने इस मामले में शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि कानूनी जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। अभी तक, किसी प्रकार की हिंसा की जानकारी नहीं है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
अभी इस मामले पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, और स्थिति की निगरानी की जा रही है।