जोधपुर से 11 रथों में राम मंदिर के लिए 600 किलो घी रवाना, एक महीने में पहुंचेगा अयोध्या

जोधपुर। अगले साल जनवरी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। रामलला की पहली आरती के लिए जोधपुर से छह सौ किलो घी भेजा गया है। मंगलवार सुबह प्रतापनगर स्थित डऊकिया हॉस्पिटल के पीछे भारत माता मंदिर विश्व हिंदू परिषद के ऑफिस से घी से भरे कलश लेकर यह रथ रवाना हुए। रथों को रवाना करने से पहले घी के कलशों की आरती की गई। इस दौरान राम भक्तों ने जय श्रीराम के जयकारे लगाए। यह घी बनाड़ स्थित श्रीश्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला से आया है।

श्रीश्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला के संचालक महर्षि संदीपनी महाराज ने बताया कि जनवरी 2024 में रामलला राम मंदिर में विराजेंगे। रामलला की आरती और हवन में श्रीश्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला में तैयार घी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए गौशाला से 11 विशेष रथ रवाना किए गए हैं। इन रथों को गौशाला में ही 6 महीने से तैयार किया जा रहा था। हर रथ पर 3.5 लाख रुपए लागत आई है। इन रथों में 108 स्टील के कलश रखे हैं, जिनमें कुल 600 किलो घी है। यह घी खास तौर से रामलला की पहली आरती और हवन के लिए ही नौ साल से तैयार कर रहे थे। इन रथों में कलश की विधिवत पूजा-अर्चना की गई। एक रथ के साथ तीन सेवादारों को तैनात किया गया है। इन रथों को सजे-धजे बैलों ने खींचा। कुछ किलोमीटर की शोभायात्रा के बाद बैलों और रथों को ट्रकों में शिफ्ट किया गया। कई शहरों में इसी तरह शोभायात्रा करते हुए ये रथ लगभग एक महीने में अयोध्या पहुंचेंगे। महर्षि संदीपनी महाराज ने बताया कि पहले यह संकल्प था कि एक भव्य रथ में एक कलश होगा। कुल 108 रथ रवाना करना चाहते थे। लेकिन समय कम बचा। बीच में चुनाव आ गए। ऐसे में 11 रथों के अलावा 97 प्रतीक रथ तैयार किए। इन रथों को भी मुख्य रथों में रखा गया है। इस तरह बैलों से खींचे जाने वाले रथ 11 हैं और बाकी छोटे प्रतीक रथ हैं। महर्षि संदीपनी महाराज ने बताया कि जोधपुर से रवाना होकर यात्रा पाली पहुंचेगी। इसके बाद अजमेर-ब्यावर-जयपुर-भरतपुर के बाद उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। उत्तर प्रदेश में मथुरा और लखनऊ होते हुए यात्रा अयोध्या पहुंचेगी।

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