घुमंतू परिवारों में आयीं खुशियां, कारण बना घुमंतू जाति उत्थान न्यास

घुमंतू परिवारों में आयीं खुशियां, कारण बना घुमंतू जाति उत्थान न्यास
जयपुर। रविवार (2 मार्च 2025) का दिन घुमंतू परिवारों के लिए काफी बड़ा था। स्वावलम्बन की आस में आत्मविश्वास से दमकते चेहरे काफी कुछ बयान कर रहे थे। उनकी इन खुशियों का कारण थी घुमंतू जाति उत्थान न्यास की वह पहल, जिसके अंतर्गत उन्होंने पाए थे रोजगार के साधन और ढेर सारी प्रेरणा। दरअसल रविवार को जयपुर के अंबाबाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर में घुमंतुओं के उत्थान के लिए काम कर रहे घुमंतू जाति उत्थान न्यास द्वारा घुमंतू परिवारों के उत्थान के लिए एक रोजगार मेले का आयोजन किया गया था, जिसमें उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सीएनजी रिक्शा, ई-रिक्शा, फल-सब्जी के ठेले, कबाड़ियों के लिए साइकिल रिक्शा, मोटर मैकेनिक टूल्स आदि वितरित किए गए। इस अवसर पर महिलाओं और युवतियों का विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें सिलाई मशीनें, कढ़ाई-बुनाई के उपकरण आदि देने के साथ ही सिलाई एवं कढ़ाई कार्य के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की गई।
घूमंतू जाति कार्य के अखिल भारतीय प्रमुख दुर्गादास के सानिध्य में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अमेरिका में ड्यूश बैंक के डायरेक्टर और विश्व सारथी ट्रस्ट के अध्यक्ष पंकज ओझा ने की। उन्होंने कहा कि घूमंतू- अर्द्धघूमंतू और विमुक्त जातियों के इन लोगों को समाज में आगे लाने का यह कार्य अत्यंत सराहनीय है। इन लोगों के उत्थान की कहानियों पर आने वाले समय में शोध पत्र पढ़े जाएंगे और इनके कार्यों में जुटे लोगों को लोग महापुरुषों के रूप में याद करेंगे। मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि संघ हमेशा से ही सेवा कार्यों में अपनी भूमिका निभाता आया है, घुमंतू समाज को मुख्यधारा से जोड़ने की उसकी यह पहल सराहनीय है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रांत के प्रचारक बाबूलाल ने कहा, राष्ट्र निर्माण में हम सबकी भूमिका होनी चाहिए। हमें स्वयं सक्षम बनने के बाद समाज में कुछ देने का भाव रख कर सभी के विकास की भावना से अपना योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक संदीप झंडू एवं सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि यह रोजगार मेला घुमंतू जाति के युवाओं को स्वावलंबी बनाने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का एक प्रयास है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जयपुर में घुमंतू जाति के 10 से 20 हजार बेरोजगार युवाओं व महिलाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। न्यास इन जातियों के बच्चों के लिए प्रदेशभर में आवासीय छात्रावास भी संचालित कर रहा है। साथ ही युवाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु एक जनजागरण अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत उन्हें सरकारी योजनाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और अन्य लाभकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। घूमंतू बस्तियों में रोजगार के साथ आरोग्य मित्र योजना, हवन योजना, बाल संस्कार केंद्र, धर्म आस्था यात्रा, मेवाड़ यात्रा जैसे कार्य भी आयोजित किए जा रहे हैं।