हिन्दू धर्म न छोड़ने पर महिला को कन्वर्ट हो गए पति व ससुराल वालों ने इतना प्रताड़ित किया कि मानसिक स्थिति बिगड़ी, जंजीर से बांधकर रखा, बेटे से दूर किया

हिन्दू धर्म न छोड़ने पर महिला को कन्वर्ट हो गए पति व ससुराल वालों ने इतना प्रताड़ित किया कि मानसिक स्थिति बिगड़ी, जंजीर से बांधकर रखा, बेटे से दूर किया

हिन्दू धर्म न छोड़ने पर महिला को कन्वर्ट हो गए पति व ससुराल वालों ने इतना प्रताड़ित किया कि मानसिक स्थिति बिगड़ी, जंजीर से बांधकर रखा, बेटे से दूर कियाहिन्दू धर्म न छोड़ने पर महिला को कन्वर्ट हो गए पति व ससुराल वालों ने इतना प्रताड़ित किया कि मानसिक स्थिति बिगड़ी, जंजीर से बांधकर रखा, बेटे से दूर किया

सिरोही। कन्वर्जन में वह आसुरी शक्ति होती है कि व्यक्ति अपनों से जुड़ी स्नेह की डोर को भी तोड़ने में देर नहीं लगाता, यहॉं तक कि उन पर अत्याचार करने में भी नहीं हिचकिचाता। सिरोही के रेवदर थाना क्षेत्र के धानेरा गांव में कन्वर्जन का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। गांव की एक महिला को ईसाई न बनने पर उसके पति और ससुराल वालों ने इतनी यातनाएं दीं कि उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई। उसे जंजीर से बांध कर रखा। उसके 1 महीने के बेटे को अलग कर दिया। महिला विक्षिप्तों जैसे व्यवहार करने लगी।वह तो गांव वालों से यह जानकारी महिला के पिता को मिल गई, तो वह बेटी को घर ले आए और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी।

महिला पंकू के पिता जगसीराम ने बताया कि उनकी बेटी के पति समेत सभी ससुराल वाले- जेठ शंकर, उमाराम, जेठानी फूली देवी, मंजू और जमुना देवी ईसाई बन गए हैं। वे सब हर सप्ताह मिशनरी वालों के साथ कार्यक्रम में जाते हैं, ईसाइयत का प्रचार प्रसार करते हैं और पंकू पर भी ईसाई बन जाने का दबाव बनाते हैं। वह हिन्दू धर्म नहीं छोड़ना चाहती, इसलिए मिलकर उसे प्रताड़ित करते हैं। मारपीट करते हैं, खाना नहीं खाने देते। जंजीर से बांध कर रखते हैं। दीपावली पर जन्मे बेटे को भी उससे दूर रखते हैं। इस सबसे परेशान बेटी विक्षिप्तों जैसी हो गई है।

जगसीराम ने बताया कि 17 नवंबर को जब वह और उसके रिश्तेदार बेटी को लेने धानेरा गए तो देखा उस के पैर जंजीरों से बंधे हुए थे। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। जंजीर खोलकर हम उसे घर ले आए। इस समय पालनपुर (गुजरात) में उसका इलाज चल रहा है। पंकू की हालत ऐसी हो गई है कि वह चल-फिर भी नहीं सकती।

गांव वालों ने बताया कि जगसीराम का परिवार लिलोरा गांव में खेती-बाड़ी कर जीवन यापन करता है। पंकू की शादी दीपाराम पुत्र गणेशजी कोली निवासी धानेरा (रेवदर) के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी के 4 महीने बाद से ही उसका पति व ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करने लगे थे।

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