हिन्दू हिंसक नहीं होता….

हिन्दू हिंसक नहीं होता….

हिन्दू हिंसक नहीं होता….हिन्दू हिंसक नहीं होता….

 

आतंक का कोई मज़हब नहीं

जो रोज़ हमें समझाते हैं,

हिन्दू हिंसक होते हैं

वे संसद में चिल्लाते हैं।

 

कमर में बाँध के बम

फटने क्या हिन्दू कोई जाता है?

सर तन से जुदा के नारे

कोई हिन्दू कहीं लगाता है?

 

हिन्दू हिंसक होता तो

पंडित बेघरबार नहीं होते,

हिन्दू हिंसक होता तो

अमरनाथ पे वार नहीं होते।

 

हिन्दू हिंसक होता तो

मोपला, गोधरा, बदायूं का नरसंहार भी रुक जाता,

हिन्दू हिंसक होता तो

जिन्ना का सिर भी झुक जाता।

 

हिन्दू हिंसक होता तो

भारत का बँटवारा क्यूँ होता,

हिन्दू हिंसक होता तो

वक़्फ़ बोर्ड, पर्सनल लॉ, गँवारा क्यूँ होता।

 

हिन्दू हिंसक होता तो

मंदिर के लिए कोर्ट तक क्यों जाते,

हिन्दू हिंसक होता तो

काशी मथुरा भी बन जाते।

 

हिन्दू हिंसक होता तो

बंगाल में मारा क्यों जाता,

हिन्दू हिंसक होता तो

सनातन को दुत्कारा क्यों जाता।

 

हिन्दू हिंसक होता तो

बेटियाँ सूटकेस में क्यों आतीं,

हिन्दू हिंसक होता तो

कन्हैयालाल की जान भी क्यों जाती?

 

हिन्दू हिंसक होता तो

गोमाता पर चाक़ू ना चलते,

हिन्दू हिंसक होता तो

ग़ज़वा ए हिन्द के ख़्वाब भी ना पलते।

 

चुनाव के समय हिन्दू का रूप धरने वाले

हिन्दू का मतलब क्या जानें,

हम हिन्दू हैं, हम गर्वित हैं

हम भारत मां की संतानें।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *