खाटू श्याम जी और ब्रह्मा कॉरिडोर बनने के साथ ही उपेक्षित पड़े मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार

खाटू श्याम जी और ब्रह्मा कॉरिडोर बनने के साथ ही उपेक्षित पड़े मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार

खाटू श्याम जी और ब्रह्मा कॉरिडोर बनने के साथ ही उपेक्षित पड़े मंदिरों का होगा जीर्णोद्धारखाटू श्याम जी और ब्रह्मा कॉरिडोर बनने के साथ ही उपेक्षित पड़े मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार

जयपुर। नेता प्रतिपक्ष द्वारा संसद में भगवान शिव और गुरुनानक देव की फोटो लहराने व हिन्दुओं को हिंसक कहने के विरोध के बीच राजस्थान सरकार ने हिन्दू संस्कृति व मंदिरों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। राजस्थान सरकार ने हिन्दुओं की आस्था के केंद्र मंदिरों के लिए कॉरिडोर बनाने से लेकर उनके जीर्णोद्धार व विशेष अवसरों पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए अलग से बजट तय किया है।

हाल ही प्रस्तुत किए गए बजट में सरकार ने घोषणा की है कि अयोध्या और काशी की तरह ही प्रदेश के लोक प्रसिद्ध खाटूश्याम जी के मंदिर को भव्य बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी प्रकार अजमेर के पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर कॉरिडोर में सरोवर परिक्रमा मार्ग का विकास कार्य भी किया जाएगा। साथ ही प्रदेश के 600 मंदिरों में त्योहारों पर साज-सज्जा की जाएगी और मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा।

खाटू श्याम मंदिर
आम जन के बीच लोकप्रिय खाटूश्याम मुख्य मंदिर राजधानी जयपुर से लगभग 80 किमी दूर खाटू कस्बे में स्थित है। मंदिर का प्रभार एक पंजीकृत सार्वजनिक ट्रस्ट संभालता है। 7 सदस्यों वाली एक समिति मंदिर के प्रबंधन की देखरेख करती है। श्याम मंदिर समिति गांव में हर वर्ष त्योहारों और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का प्रबंधन और आयोजन करती है। यहां का प्रमुख लोकप्रिय आयोजन है- फागोत्सव मेला। प्रसाद तैयार करने, बैरिकेडिंग, साफ-सफाई, अस्थायी व्यवस्था, पानी की सुविधा, बिजली की आपूर्ति, जनरेटर की व्यवस्था, सजावट, साउंड सिस्टम, बैरियर तैयार करना, वीडियो कवरेज, क्लोज सर्किट टीवी आदि का काम ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। यहां कई धर्मशालाएँ (चैरिटी लॉज) उपलब्ध हैं। मंदिर के पास ही एक पवित्र तालाब है, जिसे “श्याम कुंड” कहा जाता है। बताया जाता है, यहीं से बाबा श्याम का शीश निकला था। इस कुंड में भक्त स्नान करते हैं और खाटू नरेश की पूजा करते हैं।

मुख्य मंदिर के दक्षिण-पूर्व में गोपीनाथ मंदिर है। गौरीशंकर मंदिर भी पास में ही है। गौरीशंकर मंदिर से जुड़ी एक रोचक कहानी है। कहा जाता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के कुछ सैनिक इस मंदिर को नष्ट करना चाहते थे। उन्होंने इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर भालों से हमला किया। देखते ही देखते शिवलिंग से खून के फव्वारे निकलने लगे। सैनिक डरकर भाग गए। शिवलिंग पर भाले का निशान आज भी देखा जा सकता है। मान्यता है कि खाटू श्याम जी का मंदिर महाभारत के युद्ध मैदान को पवित्र करने के लिए अपना शीश दान करने वाले बर्बरीक का मंदिर है। शीश दान करने पर भीम के पौत्र बर्बरीक को भगवान कृष्ण ने वरदान दिया कि वे कलियुग में श्याम यानी कृष्ण के ही एक अन्य नाम से पूजे जाएंगे।

पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर
राजस्थान के अजमेर ज़िले में पवित्र स्थल पुष्कर में स्थित है ब्रह्मा मन्दिर। इस मन्दिर में जगत पिता ब्रह्माजी की मूर्ति स्थापित है। मन्दिर का निर्माण लगभग 14 वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर लगभग 700 वर्ष पुराना है। यह मन्दिर मुख्य रूप से संगमरमर के पत्थरों से निर्मित है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मन्दिर में हज़ारों की संख्या में भक्तजन आते हैं। श्री ब्रह्मा मंदिर को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा 4 मार्च 2005 को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया था।

600 मंदिरों के लिए 13 करोड़ रुपए का बजट
इसके साथ ही 600 मंदिरों के जीर्णोद्धार और साज सज्जा व आरती के लिए बजट में 13 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। त्योहारों पर साज-सज्जा की जाएगी। प्रदेश सरकार ने बजट में प्रावधान रखा है कि दीपावली, होली, शिवरात्रि और रामनवमी जैसे हिन्दू सनातन संस्कृति के वाहक इन त्योहारों पर प्रदेश के मंदिरों में विशेष साज सज्जा और आरती के कार्यक्रम किए जाएंगे। अब ऐसे धार्मिक आयोजनों में सरकार की भागीदारी भी देखने को मिलेगी।

इन मंदिरों का होगा जीर्णोद्धार
बजट में जिन मंदिरों को लेकर घोषणा की गई है, उनमें हल्देश्वर मंदिर सिवाना, कैला देवी मंदिर, सालासर बालाजी मंदिर, मेहंदीपुर बालाजी, दौसा के राजरणछोड़ मंदिर, जोधपुर के माता मावलिया मंदिर, गणेश मंदिर, जमवाय माता मंदिर, जयपुर का डाढ़देवी मंदिर, कोटा का सोमनाथ महादेव मंदिर, गौतमेश्वर मंदिर के साथ ही प्रतापगढ़ करणी माता मंदिर, सीकर स्थित जीणमाता और शाकंभरी माता मंदिर के अलावा राजस्थान से बाहर गुजरात के मुरली मनोहर मंदिर द्वारिका और वृंदावन के राधा माधव मंदिर शामिल हैं।

इसी प्रकार, झुंझुनूं से बरखंडी पर्वत तक रोड और 24 कोस परिक्रमा मार्ग के साथ कृष्ण गमन पथ, बृज चौरासी परिक्रमा मार्ग और श्री महावीर जी मंदिर करौली में विभिन्न विकास कार्य करने की भी योजना इस बजट में शामिल है। इसके अतिरिक्त बीकानेर के कपिल सरोवर, धुधलेश्वर महादेव मंदिर, गुढ़ामलानी मथुराधीश मंदिर कोटा, केशवराज मंदिर केशवरायपाटन, अंबे माता मंदिर पाली, प्रेम सागर तालाब सवाई भोज मंदिर, भीलवाड़ा में सौंदर्यीकरण और आधारभूत सुविधाओं के विकास कार्य कराए जाएंगे।

राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने बताया कि अब बृज क्षेत्रीय विकास योजना शुरू की जाएगी। साथ ही डांग, मगरा, मेवात एवं बृज क्षेत्रीय विकास योजनाओं के लिए 50-50 करोड़ रुपए का बजट दिया जाएगा।

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