बुरा ना मानो होली है

बुरा ना मानो होली है

रामगोपाल पारीक

बुरा ना मानो होली हैबुरा ना मानो होली है

रंगों से जो डरने वाले,
छिपने और छुपाने वाले।
डरो नहीं बाहर तो आओ,
चंदन, अक्षत, रोली है।
बुरा ना मानो होली है॥

 

लोक संस्कृति के इस रंग में,
नर नारी बालक हैं संग में।
कोई अवसर चूक ना जाए,
ऐसी सबकी टोली है।
बुरा ना मानो होली॥

 

रहते थे जो लोग अकड़ में,
कैद हुए अपने ही घर में।
नहीं किसी से लेना देना,
उनके संग ठिठोली है।
बुरा ना मानो होली है॥

 

खुली खिडकियां और दरवाजे,
आपस में मिलकर सब नाचे।
रंग रंगीले नीले पीले,
लगते सभी रंगोली हैं।
बुरा ना मानो होली है॥

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