वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सके- निम्बाराम

वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सके- निम्बाराम

वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सके- निम्बारामवह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सके- निम्बाराम

  • घुमंतू समाज छात्रावास का उद्घाटन सम्पन्न
  • जगद्गुरु निम्बार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज ने किया छात्रावास का नामकरण

किशनगढ़, 26 जुलाई। जिस समाज ने महाराणा प्रताप के साथ देश व सनातन संस्कृति की रक्षार्थ त्याग और तप किया, शौर्य और पराक्रम दिखाया, वह समाज स्वाधीनता के बाद भी हाशिए पर रहा। इस समाज के उत्थान के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। ये उद्गार गुरुवार को जगद्गुरू निम्बार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज ने घुमंतू समाज छात्रावास के उद्घाटन समारोह के अवसर पर व्यक्त किए।

उन्होंने कहा घुमंतू समाज शैक्षिक रूप से पिछड़ा है, उस समाज के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करें, उन्हें पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण मिले, इस दिशा में संघ के प्रयास प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि आज इस समाज की रक्षा व पोषण की जिम्मेदारी सभ्य समाज की है। जो काम शासन ने नहीं किया, वह काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है। इसके लिए मानवता के इतिहास में संघ का नाम अग्रणी रहेगा। श्रीजी महाराज ने इस छात्रावास में निवास करने वाले सभी विद्यार्थियों के भोजन की व्यवस्था निम्बार्कापीठ की ओर से करने का प्रस्ताव देते हुए आर्थिक सहयोग की भी घोषणा की। उन्होंने छात्रावास का नामकरण भी किया और कहा कि यह छात्रावास रूपसिंह घुमंतू समाज छात्रावास किशनगढ़ के नाम से जाना जाएगा।

समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि घुमंतू समाज ने मुगलकाल में महाराणा प्रताप के साथ देश व संस्कृति की रक्षा के लिए अपने घरों का त्याग किया और अपना सर्वस्व देशहित में न्यौछावर कर दिया। ब्रिटिशराज में इस महान समाज को आपराधिक श्रेणी में डाल दिया गया। उन्हें आबादी क्षेत्र में रहने से वंचित कर दिया। इससे यह समाज मुख्य धारा से कट गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद घुमंतू समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और इसके विकास की जिम्मेदारी शासन का कर्तव्य था। किन्तु इतने वर्षों बाद भी यह समाज जगह जगह भटकने को विवश है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस कार्य को पूरा करने का संकल्प लिया है और अखिल भारतीय स्तर पर घुमंतू समाज छात्रावास खोलने आरम्भ किए हैं। उन्होंने समाज के सभी भामाशाहों, समाजसेवियों से इस छात्रावास में सहयोग करने की भी अपील की। उन्होंने कहा, वह धन ही क्या जो देश के काम ना आ सका और वह जीवन ही क्या जो देश के काम ना आ सका।

घूमंतू समाज विकास न्यास के क्षेत्र प्रमुख प्रभुलाल कालबेलिया ने बताया कि यह छात्रावास राजस्थान का अठारहवाँ और चित्तौड़ प्रांत का पांचवां छात्रावास है। इससे पहले उदयपुर, कोटा, भीलवाड़ा सहित अनेक स्थानों पर घुमंतू समाज छात्रावास आरम्भ हो चुके हैं।

समारोह की अध्यक्षता सीए व मार्बल व्यवसायी ओमप्रकाश मैनावत ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में आरके मार्बल के चेयरमैन अशोक पाटनी, घुमंतू समाज विकास न्यास के क्षेत्र प्रमुख प्रभुलाल कालबेलिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक मुकेश अग्रवाल, किशनगढ़ संघचालक रामावतार अग्रवाल, सेवा भारती के जिलाध्यक्ष सीताराम बंसल उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आयोजन किशनगढ़ के चेनपुरिया स्थित माधव विद्यापीठ में किया गया था। छात्रावास सचिव राजेश कलवार ने सभी का आभार व्यक्त किया और दीपक जौहरी ने कार्यक्रम का संचालन किया।

वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ ना सके- निम्बाराम

 

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