आईआईटी बॉम्बे ने रामायण पर आधारित नाटक के आपत्तिजनक मंचन पर छात्रों के विरुद्ध की कार्रवाई
आईआईटी बॉम्बे ने रामायण पर आधारित नाटक के आपत्तिजनक मंचन पर छात्रों के विरुद्ध की कार्रवाई
आईआईटी बॉम्बे ने रामायण पर आधारित एक नाटक के आपत्तिजनक मंचन पर छात्रों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इस नाटक का मंचन आईआईटी बॉम्बे के वार्षिक आर्ट फेस्ट में 31 मार्च को किया गया था। छात्रों ने राम और सीता के किरदारों को आपत्तिजनक तरीके से दर्शाया था। वहीं मंचन का समर्थन करने वाले छात्रों का कहना है कि यह नाटक प्रगतिशील था।
जानकारी के अनुसार, 8 मई को डिसिप्लिनरी एक्शन कमेटी की बैठक में नाटक में भाग लेने वाले 4 छात्रों पर 1.2 लाख और अन्य अंडरग्रेजुएट 4 छात्रों पर 40,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। डिसिप्लिनरी कमेटी द्वारा लिए गए एक्शन की कॉपी सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रही है। यह नोटिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘आईआईटी बी फॉर भारत’ नामक कैंपस ग्रुप की ओर से शेयर किया गया है। यह समूह भारतीय सभ्यता के मूल्यों को बनाए रखने का दावा करता है। इस ग्रुप ने नाटक के मंचन का विरोध करते हुए संस्थान की कार्रवाई की प्रशंसा की है। उनकी पोस्ट के अनुसार, नाटक में रामायण को अपमानजनक तरीके से प्रस्तुत किया गया था और छात्रों ने भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण का उपहास करने के लिए एकेडमिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया।
इस प्रकरण में आईआईटी बॉम्बे की ओर से अभी तक कोई भी औपचारिक बयान नहीं आया है।
क्या है पूरा मामला
आईआईटी बॉम्बे के सांस्कृतिक उत्सव में 31 मार्च को परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल में “राहोवन” नामक नाटक का मंचन किया गया। यह नाटक रामायण पर आधारित था। आरोप है कि इस नाटक में भगवान राम के चित्रण में उनकी आलोचना की गई। नाटक में नारीवादी मुद्दों को उजागर करने के लिए श्रीराम के चरित्र के साथ छेड़छाड़ की गई।
इस नाटक के मंचन के बाद कलात्मक स्वतंत्रता बनाम धार्मिक भावनाओं को लेकर नाटक की आलोचना शुरू हो गई।
कहा जा रहा है कि तथ्यों को नाटक में तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया और इसमें भगवान राम व माता सीता के बीच हुए संवाद में कई विवादित बातें कही गई हैं। वहीं, यह भी कहा गया कि 31 मार्च की शाम कल्चरल फेस्ट में रामायण का नाम ‘राहोवन’ रखकर भगवान राम व माता सीता का अपमान किया गया है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।