इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड : भारत की सुरक्षा होगी मजबूत, दुश्मनों को मिलेगा कड़ा प्रत्युत्तर

इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड : भारत की सुरक्षा होगी मजबूत, दुश्मनों को मिलेगा कड़ा प्रत्युत्तर

इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड : भारत की सुरक्षा होगी मजबूत, दुश्मनों को मिलेगा कड़ा प्रत्युत्तरइंटीग्रेटेड थिएटर कमांड : भारत की सुरक्षा होगी मजबूत, दुश्मनों को मिलेगा कड़ा प्रत्युत्तर

जयपुर। भारत को पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान और चीन से लगती अपनी सीमाओं पर लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लए भारत अपनी सैन्य क्षमताओं के बेहतर उपयोग की तरफ कदम बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों में से एक भारतीय सेना के तीनों अंगों को मिलाकर इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड या एकीकृत थिएटर कमांड बनाने की योजना है। हालिया मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सशस्त्र बलों ने इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की अंतिम रूपरेखा तैयार कर ली है और इसकी संरचना को लेकर सरकार की स्वीकृति की प्रतीक्षा है।

इस वर्ष सितंबर में भारतीय सेना ने अपना पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें तीनों सेनाओं ने सैन्य एकीकरण और तालमेल को बढ़ाने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया तथा एकीकृत थिएटर कमांड (आईटीसी) के निर्माण के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान का कार्यालय, जो पिछले 20 महीनों से आईटीसी के तौर-तरीकों पर काम कर रहा है, का मानना है कि सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद इस योजना को जमीनी स्तर पर पूरी तरह लागू करने में लगभग दो वर्ष लगेंगे। प्रस्तावित आईटीसी में भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की इकाइयों को एक कमांडर के अधीन सम्मिलित किया जाएगा, जिसका लक्ष्य तीनों सैन्य सेवाओं के कार्मिकों, परिसंपत्तियों, बुनियादी ढांचे और रसद को एकीकृत करके आपात स्थितियों और संघर्षों के दौरान सशस्त्र बलों को अधिक कुशल बनाना है।

जनरल चौहान ने हाल ही में कहा कि थिएटर कमांड अंतिम चरण नहीं होगा, बल्कि यह सैन्य सुधारों के अगले चरण की शुरुआत मात्र होगी। इसका अर्थ है कि आईटीसी कई सुधारों को जन्म देगा, जैसे कि सेना का एकल से बहु-डोमेन संचालन की ओर बढ़ना, अंतरिक्ष और साइबर स्पेस को पारंपरिक डोमेन में एकीकृत करना, युद्धक्षेत्र की जानकारी और विज़ुअलाइज़ेशन का डिजिटलीकरण और नेट-केंद्रित व डेटा-केंद्रित संचालन। इसके अतिरिक्त, जनरल चौहान ने जल-थल अभियानों के लिए एक संयुक्त सिद्धांत का अनावरण किया है, जो सशस्त्र बलों को युद्ध और शांति दोनों के दौरान हिन्द महासागर क्षेत्र में कई तरह के अभियान चलाने का अधिकार देता है। यह भारतीय सेना द्वारा साइबरस्पेस अभियानों के लिए अपने संयुक्त सिद्धांत के जारी होने के तीन महीने बाद आया है, जिसका उद्देश्य साइबर स्पेस अभियानों के संचालन में सैन्य कमांडरों का मार्गदर्शन करना है।

रक्षा मंत्रालय के पास अब लखनऊ में चीन केंद्रित उत्तरी थिएटर कमांड, जयपुर में पाकिस्तान केंद्रित पश्चिमी थिएटर कमांड और तिरुवनंतपुरम में समुद्री थिएटर कमांड स्थापित करने का प्रस्ताव है। अगर इसे स्वीकृति मिल जाती है, तो यह स्वाधीनता के बाद भारत में सबसे बड़ा सैन्य सुधार होगा, जो वन बॉर्डर-वन फोर्स की अवधारणा के अनुरूप होगा। इस समय भारत में कुल 17 सैन्य कमांड हैं। इनमें से थल और वायु सेना की सात-सात कमांड हैं और नौसेना की तीन कमांड हैं। साथ ही दो ट्राई-सर्विसेज या त्रि-सेवा कमांड भी हैं, अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी), जिसका नेतृत्व तीनों सेनाओं के अधिकारी करते हैं और स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड जो भारत की परमाणु संपत्ति के लिए जिम्मेदार है।

भारत के पहले सीडीएस बने थे जनरल बिपिन रावत 
वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के बाद बनी समीक्षा समिति और कई अन्य समितियों ने कहा कि भविष्य की सैन्य चुनौतियों को देखते हुए भारतीय सेना को इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने के बारे में सोचना चाहिए। पिछले कई वर्षों से भारत में एकीकृत कमान बनाने की बात चल रही थी, पर इसे गति तब मिली जब जनवरी 2020 में जनरल बिपिन रावत को चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया। 15 अगस्त 2019 को लाल किले से दिए स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जिस तरह युद्ध के दायरे और रूप-रंग बदल रहे हैं और जिस तरह टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ रही है, उसके कारण भारत का काम टुकड़ों में सोचने से नहीं चलेगा। देश की पूरी सैन्‍यशक्ति को एकजुट होकर एक साथ आगे बढ़ना होगा। उसी भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसी स्थिति से काम नहीं चलेगा, जिसमें तीनों सेनाओं में से एक आगे रहे, दूसरा दो कदम पीछे रहे और तीसरा तीन कदम पीछे रहे। उन्होंने कहा था कि तीनों सेनाओं को एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ना चाहिए और दुनिया में बदलते हुए युद्ध और सुरक्षा के वातावरण के अनुरूप उनमें अच्छा समन्वय होना चाहिए। सीडीएस जनरल बिपिन रावत इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड के प्रोजेक्ट पर बहुत गंभीरता से काम कर रहे थे, लेकिन दिसंबर 2021 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। सितंबर 2022 में सीडीएस जनरल अनिल चौहान की नियुक्ति हुई। इसके बाद केंद्र सरकार ने संसद में इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशंस (कमांड, कंट्रोल एंड डिसिप्लिन) बिल, 2023 प्रस्तुत किया। तीनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच मिलकर काम करने की भावना पैदा करने के उद्देश्य से मेजर और लेफ्टिनेंट-कर्नल रैंक के 102 अधिकारियों (सेना 40, वायु सेना 32 और नौसेना 30) की पहली खेप को अन्य सेवाओं में क्रॉस-पोस्ट किया गया था।

क्या है इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड 
इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड या एकीकृत कमांड एक ऐसी कार्य प्रणाली है, जिसके अंतर्गत थल सेना, वायु सेना और नौसेना के सभी संसाधनों की उपस्थिति एक साथ होगी ताकि खतरे की स्थिति में तीनों सेनाएं एक-दूसरे की क्षमताओं का समन्वय के साथ कुशलतापूर्वक प्रयोग कर सकें। हर थिएटर कमांड को एक निश्चित क्षेत्र सौंपा जाएगा, जिसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी होगी। एकीकृत थिएटर कमांड बनाने की पीछे सोच यह है कि तीनों सेनाओं की क्षमताओं को अगर एक दूसरे से जोड़ दिया जाए तो युद्ध की स्थिति में उनका प्रदर्शन कई गुना बेहतर होगा। फिलहाल भारत में तीन से चार थिएटर कमांड बनाने पर विचार किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत हर थिएटर कमांड के पास तीनों बलों के संसाधन होंगे और इन्हें उपयोग करने का अधिकार थिएटर के कमांडर के पास होगा।

दुनिया के किन देशों में है थिएटर कमांड 
अमेरिका के पास फिलहाल 11 थिएटर कमांड्स हैं। इनमें से 6 पूरी दुनिया को कवर करते हैं। चीन के पास भी 5 थिएटर कमांड्स हैं, जिसकी पश्चिमी थिएटर कमांड भारत, मध्‍य एशिया और अफगानिस्‍तान पर दृष्टि रखती है। रूस के पास भी 4 थिएटर कमांड्स हैं। अधिकतर देशों में थिएटर कमांड का गठन भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर किया गया है। अमेरिका की 4 थिएटर कमांड कार्यकारी आधार पर संचालित की जाती हैं।

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