मंदिर के जीर्णोद्धार का इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा विरोध, बोले नमाज अदा करने में आएगी बाधा
मंदिर के जीर्णोद्धार का इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा विरोध, बोले नमाज अदा करने में आएगी बाधा
उन्नाव। उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले के रानीपुर गाँव में स्थित एक 70 वर्ष पुराने शिव मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य इस्लामी कट्टरपंथियों के विरोध के कारण रुक गया है। यह मामला बीघापुर कोतवाली की निबई चौकी के अंतर्गत आता है, इस मंदिर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक मस्जिद स्थित है। स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों, जिनमें निहाल, अनीस खान, असगर खान, शोएब, सलीम, यूनुस, अच्छे और रईस आदि सम्मिलित हैं, का कहना है कि मंदिर का जीर्णोद्धार होगा, फिर वहां पूजा, आरती होगी, घंटे बजेंगे, इस से मस्जिद में नमाज़ अदा करने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। जिससे सामाजिक सौहार्द और शांति प्रभावित हो सकती है।
इस मामले में अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय पुलिस ने स्थिति पर नज़र बनाए रखने की बात कही है। गाँव में तनाव का वातावरण है, जिसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गाँव में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वह दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बातचीत करके इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि धार्मिक आस्था और परंपराओं का सम्मान बना रहे और गाँव में शांति बनी रहे।
दरअसल रानीपुर गाँव मुस्लिम बहुल है। गांव में लगभग 130 घर मुस्लिम व केवल 30 घर हिन्दू परिवारों के हैं। मंदिर 70 वर्ष से भी अधिक पुराना है। इस मंदिर के चबूतरे पर हिन्दू परिवार अपने धार्मिक कार्य जैसे मुंडन, छेदन और शादी-विवाह संपन्न करते हैं। मंदिर के चबूतरे पर चारों ओर दीवारें और खंभे खड़े हैं, लेकिन छत डालने का कार्य अभी लंबित है। मंदिर निर्माण को लेकर विवाद होने पर पुलिस ने तात्कालिक रूप से 26 मुस्लिमों और 6 हिन्दुओं को पाबंद किया है, ताकि मामला शांत हो जाए। लेकिन मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
यह विवाद 7-8 अक्टूबर को पुलिस चौकी से बीघापुर पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया और अधिकारियों ने स्थिति को शांत करने के लिए तुरंत 26 मुसलमानों और 6 हिंदुओं को क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को खतरे में डालने वाली किसी भी गतिविधि के विरुद्ध आधिकारिक चेतावनी जारी की।
स्थानीय दैनिक जागरण ने सोमवार (21 अक्टूबर) को इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें पुलिस स्टेशन के सीओ ऋषिकांत शुक्ला की एक टिप्पणी भी थी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल बनाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। हिन्दुओं से अनुमति लेने को कहा गया है, उसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। मामले की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को भेज दी गई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, यहाँ मुस्लिम जनसंख्या 90 प्रतिशत है। गॉंव में इस्लामी कट्टरपंथियों का दबदबा है। पुलिस मंदिर के जीर्णोद्धार को प्रशासनिक अनुमति के पेंच में फँसाकर लटकाने का प्रयास कर रही है।