शिष्य के चित्त को प्रकाशमान करना गुरु का दायित्व- डॉ. सुशील कुमार
शिष्य के चित्त को प्रकाशमान करना गुरु का दायित्व- डॉ. सुशील कुमार
उदयपुर। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की उदयपुर इकाई के तत्वावधान में शनिवार को मीरा कन्या महाविद्यालय में गुरुवन्दन समारोह का आयोजन हुआ।समारोह में महासंघ के महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सू ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने सम्बोधन में कहा, गुरु का परम दायित्व है कि शिष्य के चित्त में यदि तनिक भी अंधेरा है तो उसे पूर्णिमा की तरह ज्ञान के प्रकाश से जगमग कर दे। गुरु के व्यापक दायित्व की कसौटी यह है कि वह शिष्यों के व्यक्तित्व में ऐसा गुरुत्वाकर्षण पैदा करे कि सम्पूर्ण समाज उसकी ओर आकर्षित हो सके। हमारी महान गुरु परम्परा में ऐसा गुरुत्वाकर्षण पैदा करने के हजारों अमर उदाहरण हैं, जिन्होंने समाज को अपना परिवार मानकर शिक्षा एवं संस्कृति की अलख जगायी। समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों और दुर्गुणों के अंधेरे को प्रकाश में बदलने के लिए गुरुओं ने अपना जीवन लगा दिया। अपनी इसी तेजस्विता के कारण समाज में आज वे जन जन के पूज्य हैं।
उन्होंने गुरुवन्दन शब्द की व्याख्या करते हुए कहा, गुरुवन्दन अर्थात् अपनी महान परम्परा से प्रेरणा लेकर कृतज्ञतापूर्वक आत्मचिंतन और आत्म व्यक्तित्व के परिष्कार का अवसर। गुरु के सानिध्य में स्वत: प्रकाशित व्यक्तित्व से अंधेरों के व्यूह टूटने लगते हैं और वह आत्म ज्योति से दमकने लगता है। गुरुवन्दन शिक्षकों को तो अन्त: चेतना से जोड़ता ही है, विद्यार्थियों और समाज को भी राष्ट्र की महान गौरवमयी ऐतिहासिक गुरुपरम्परा व गुरुत्व के दर्शन अनुभूत कराता है।
डॉ. सुशील ने कहा, भारत सदियों से अपनी महान गुरु परंपरा के कारण ही विश्व में वरेण्य रहा है। अपने महान पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का श्रेष्ठ मार्ग भी यही है कि हम अपने गुरुत्व का प्रकटीकरण कर राष्ट्र निर्माण कर्तव्य रूपी यज्ञ में उसका उपयोग करते हुए स्वयं कृतकृत्य हो जाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता इकाई अध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रो. दीपक माहेश्वरी ने की। कार्यक्रम का संचालन इकाई सचिव डॉ. राम सिंह भाटी ने किया। कार्यक्रम में संगठन के पदाधिकारियों सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।