जाग नारी, जाग नारी

जाग नारी, जाग नारी

शैला माहेश्वरी 

जाग नारी, जाग नारीजाग नारी, जाग नारी

शक्ति है तू भक्ति है तू, भावों की अभिव्यक्ति है तू 

सर्जना तू चेतना तू, जन मन की प्रेरणा तू 

रुद्र काली, भद्रकाली, संहारक महाकाली 

जगत जननी, जगधात्री, महागौरी प्रतिपाली 

वीरों की प्रसूता तू, जाग नारी जाग नारी 

संस्कृति की रक्षिता तू , जाग नारी जाग नारी।

खड्ग खप्पर धारिणी, महिषासुर मर्दिनी 

चंड मुंड नाशिनी, कालिका कपर्दिनी

प्रीति तू प्रतीति तू, योगिनी वियोगिनी 

कन्या भगिनी भार्या वधू, पौरुष अर्धांगिनी

बढ़ रहे हैं व्याभिचारी, जाग नारी जाग नारी 

भारती पुकार रही, जाग नारी जाग नारी।

मान पर जो आंच आई, यज्ञ में विध्वंस हुआ

प्रतिशोध की ज्वाला जगी, कौरव कुल ध्वंस हुआ

अटल अडिग अविचल तू, याद कर पार्वती का प्रण, स्वाभिमानी राष्ट्र प्रहरी, भूल मत वो झांसी का रण

कंटकों का दमन कर, जाग नारी जाग नारी 

वीरता का तिलक कर, जाग नारी जाग नारी।

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