नौसेना को मिलेगी और मजबूती, भारत ने किया K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण
नौसेना को मिलेगी और मजबूती, भारत ने किया K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण
भारत ने हाल ही में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम K-4 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफल परीक्षण किया है। बुधवार की सुबह विशाखापत्तनम के तट पर बंगाल की खाड़ी में परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी INS अरिघात से यह परीक्षण किया गया। K-4 मिसाइल 3500 किलोमीटर की रेंज तक लक्ष्य को निशाना बना सकती है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, परीक्षण के परिणामों का विश्लेषण किया जा रहा है, जिसके बाद संबंधित अधिकारी शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को जानकारी देंगे।
यह परीक्षण देश की दूसरी-हमलावर क्षमता को प्रमाणित करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2EA6FB1F-EBB8-44B0-BA97-4785194902A3.jpgCD77D3D6-C822-41A8-B8D8 696A3038FD40.jpgदरअसल, इससे भारत को सेकेंड स्ट्राइक की क्षमता मिल जाती है। इसका अर्थ है कि अगर जमीन पर स्थिति ठीक नहीं है, तो समुद्र से ही सबमरीन की सहायता से हमला किया जा सकता है। इस मिसाइल की रेंज 3500 किलोमीटर है, जो नौसेना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होती है।
इस परीक्षण के साथ ही भारत उन देशों के छोटे समूह का हिस्सा बन गया है, जिनके पास जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु मिसाइल दागने की क्षमता है।
पिछले कुछ वर्षों में ठोस ईंधन से चलने वाली इस मिसाइल का पनडुब्बी प्लेटफॉर्म से कम से कम पांच बार परीक्षण किया गया। दूसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी INS अरिघाट को 29 अगस्त को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जिसका उद्देश्य भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना है। इस मिसाइल में स्वदेशी प्रणालियों और उपकरणों का उपयोग किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत अपनी समग्र सैन्य क्षमताओं में वृद्धि कर रहा है तथा विभिन्न रेंज की मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। भारत ने ओडिशा के तट से लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह मिसाइल अत्यधिक गति से हमला कर सकती है और अधिकांश वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती है। सामान्यतः पारंपरिक विस्फोटक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें, समुद्र तल पर ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति (मैक 5 जो लगभग 1,220 किमी है) प्रति घंटे की गति से उड़ सकती हैं। हालाँकि, हाइपरसोनिक मिसाइलों के कुछ उन्नत संस्करण 15 मैक से भी अधिक की गति से उड़ सकते हैं।
वर्तमान में, रूस और चीन हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास में काफी आगे हैं, जबकि अमेरिका एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे हथियारों की एक श्रृंखला विकसित करने की प्रक्रिया में है। हाइपरसोनिक मिसाइलों को अत्यधिक गतिशील और फुर्तीला माना जाता है क्योंकि वे बीच में ही अपना रास्ता बदल सकती हैं। बैलिस्टिक मिसाइलें, जो मैक 5 की गति से भी उड़ सकती हैं, पूर्व निर्धारित प्रक्षेप पथों के कारण सीमित गतिशीलता रखती हैं।
भारत निरंतर आत्मनिर्भता की ओर बढ़ रहा है। वह सदैव से शांति और सद्भावना में विश्वास रखता आया है। भारत का मानना है कि वह कभी हमले की पहल नहीं करेगा, लेकिन यदि उस पर हमला होता है तो वो छोड़ेगा भी नहीं। K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण सैन्य दृष्टि से भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम है।