“कार्यकर्ता विकास वर्ग” राष्ट्रीय एकात्मता की अनुभूति देने वाला वर्ग है – पराग अभ्यंकर 

"कार्यकर्ता विकास वर्ग" राष्ट्रीय एकात्मता की अनुभूति देने वाला वर्ग है - पराग अभ्यंकर 

"कार्यकर्ता विकास वर्ग" राष्ट्रीय एकात्मता की अनुभूति देने वाला वर्ग है - पराग अभ्यंकर 

“कार्यकर्ता विकास वर्ग” राष्ट्रीय एकात्मता की अनुभूति देने वाला वर्ग है – पराग अभ्यंकर 

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के “कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय” का शुभारम्भ 17 मई को नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर स्थित महर्षि व्यास सभागार में हुआ। वर्ग के प्रारम्भ में वर्ग के सर्वाधिकारी इकबाल सिंह, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल एवं अखिल भारतीय सेवा प्रमुख तथा वर्ग के पालक अधिकारी पराग अभ्यंकर ने भारतमाता की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया।


इस अवसर पर सह सरकार्यवाह द्वय मुकुंद तथा रामदत्त चक्रधर उपस्थित थे। वर्ग में देशभर से 936 शिक्षार्थियों की सहभागिता है।

स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए पराग अभ्यंकर ने कहा कि नागपुर जाकर संघ कार्य को जानना और उसकी साधना करने का सौभाग्य प्राप्त हो, ऐसी भावना स्वयंसेवकों में होती है। संघ कार्य यही जीवन कार्य हो, यह भाव भी स्वयंसेवकों के मन में रहता है। यह भूमि डॉ. हेडगेवार तथा श्री गुरुजी की तपोस्थली है।

संघ कार्य में प्रशिक्षण वर्ग का अत्यंत महत्त्व है। इस कारण कार्य बढ़ने पर प्रशिक्षण वर्ग प्रान्त स्थानों पर भी होने लगे। स्वतंत्रता के पहले बहुत सारी चुनौतियां थीं। संघ ने देश की स्वतंत्रता के लिए भी कार्य किया। स्वयं डॉक्टर जी जंगल सत्याग्रह में सक्रियता से सहभागी हुए थे। प्रतिबंध काल तथा कोरोना काल को छोड़कर संघ शिक्षा वर्ग कभी अवरुद्ध नहीं हुआ। कालानुरूप प्रशिक्षण वर्ग के कालावधि एवं अभ्यासक्रम में परिवर्तन भी हुए। कार्यकर्ता की सोच क्या होनी चाहिए, उसके सामने चुनौतियां कौन-सी है, यह ध्यान में रखकर व्यवस्थाओं में भी बदलाव किए गए। पहले के वर्ग में शारीरिक कार्यक्रमों के अंतर्गत धैर्य और साहस बढ़ाने पर जोर दिया जाता था। अभी चुनौतियां बदली है, उसका विमर्श समझना होगा। चुनौतियों का प्रत्युत्तर देना है तो उस तरह के विषयों का भी इस वर्ग में समावेश किया गया है।

संगठित हिन्दू समाज की वैश्विक दृष्टि बनाना, ऐसी इस वर्ग की रचना रहेगी। समाज की सज्जन-शक्ति को जोड़कर अपनी शक्ति कैसे बढ़े, इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण भी इस वर्ग में शिक्षार्थियों को मिलेगा।

संपूर्ण भारत से शिक्षार्थी स्वयंसेवक यहां प्रशिक्षण के लिए आते हैं, उससे राष्ट्रीय एकात्मता का भाव बढ़ता है। हिन्दुत्व की एकता की अनुभूति भी यहां होती है। इस वर्ग का प्रगट समापन समारोह 10 जून को होगा।

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