साहित्य, कला और संस्कृति का संगम है कोच्चि लिटरेचर फेस्टिवल
साहित्य, कला और संस्कृति का संगम है कोच्चि लिटरेचर फेस्टिवल
कोच्चि। 29 नवंबर को कोच्चि में कोच्चि लिटरेचर फेस्टिवल का शुभारम्भ हुआ। 8 दिसंबर 2024 तक आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में साहित्य, कला और संस्कृति की अद्वितीय छटा देखने को मिल रही है। इस 10 दिवसीय आयोजन का उद्घाटन बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने किया। कार्यक्रम में साहित्य, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण और बच्चों के लिए समर्पित सत्रों के साथ विविध सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल हैं।
पहले दिन का मुख्य आकर्षण उद्घाटन समारोह था, जिसमें प्रख्यात कवि श्रीनिवासन थुनेरी को युवा कवि पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके बाद सुगाथाकुमारी की 90वीं जयंती पर आधारित कार्यक्रम में पर्यावरण और समाज के प्रति उनके योगदान पर चर्चा हुई। महिला सम्मेलन में प्रमुख वक्ताओं में रिटायर्ड डीजीपी श्रीलेखा और केरल महिला आयोग की अध्यक्ष एडवोकेट पी. सतीदेवी शामिल थीं।
साहित्यिक विमर्शों में आनंद नीलकंठन जैसे ख्याति प्राप्त उपन्यासकार, गीतकार वायलार शरतचंद्र वर्मा और राजीव अलुंकल अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इन सत्रों के माध्यम से साहित्य की आधुनिक चुनौतियों और संभावनाओं पर चर्चा होगी।
कार्यक्रम में बच्चों के लिए भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें साहित्यिक प्रतियोगिताएं और पुरस्कार वितरण होगा। दिव्यांगों को समर्पित “विविधता के नायक” नामक सत्र में निशाद पूचक्कल और रामकुमार एम. जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाएगा।
भक्ति साहित्य पर संगोष्ठी का आयोजन चर्चा का विशेष केंद्र रहने वाला है, जिसमें दक्षिण भारतीय साहित्य में भक्ति आंदोलन के प्रभाव पर विद्वानों के विचार सुनने को मिलेंगे। कार्यक्रम के अंतिम दिनों में बालमणियम्मा पुरस्कार और अन्य सम्मान वितरित किए जाएंगे।
संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से साहित्यिक कविताओं और कहानियों को सजीव किया जाएगा। प्रसिद्ध संगीतकार डॉ. पूजा पी. बालासुंदरम के निर्देशन में सुगाथा संगीतांजलि जैसे कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसके साथ ही, भरतनाट्यम और अन्य पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियां भी दर्शकों का मन मोह लेंगी।
यह उत्सव साहित्य प्रेमियों, कलाकारों और पर्यावरण, समाज तथा संस्कृति के प्रति रुचि रखने वाले सभी व्यक्तियों के लिए प्रेरणा और आनंद का अवसर बनेगा।