विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का कीर्तिमान भीलवाड़ा के नाम दर्ज

 

भीलवाड़ा। विश्व पटल पर यूं तो कई मामलों में राजस्थान ने अपना परचम लहराया है। जिस पर हरेक भारतीय का सीना गौरवान्वित हुआ है। एक बार फिर से ये गौरव का क्षण आया है जल हम ये कह सकते हैं कि, ”हां अब विश्व की चोटी पर हमारी राजस्थानी रोटी भी शामिल हो चली है।” ये बेहद रोमांचित कर देने वाली बात भी है कि देश के चार राज्यों से आए चौबीस हलवाईयों की एक टीम ने लगभग 6 घंटे में यह रोटी बनाई है। रोटी का व्यास 11.25 फीट x 11.25 फीट और वजन 185 किलो है। इसे बनाने के लिए लोहे का 1000 किलो वजनी तवा बनाया गया था। तवे की साइज 16 गुना 12 फीट थी। इसके अलावा रोटी बनाने में 1100 ईंटों की भट्टी बनाई गई जिसमें 1000 किलो कोयले का इस्तेमाल किया गया।

उल्लेखनीय है कि यह रोटी राजस्थानी जन मंच के अध्यक्ष कैलाश सोनी की ओर से बनवाई गई थी। बतौर कैलाश, विश्व की सबसे बड़ी रोटी बनाने का कीर्तिमान भीलवाड़ा के नाम दर्ज हुआ है। ये बड़े गौरव की बात है। इसके लिए ‘इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड’ ने सर्टिफिकेट दिया है। यहां पर ये जानना भी दिलचस्प है कि पहले यह रिकॉर्ड गुजरात के नाम था। 2012 में गुजरात के जामनगर शहर में 10 फीट x 10 फीट की रोटी 145 किलो वजन के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुई थी।

सोनी ने बताया कि सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए यह अभिनव कदम उठाया गया है। लोग तरह- तरह की चीजें करके रिकॉर्ड बना रहे हैं। हमने रोटी को चुना। इससे भीलवाड़ा शहर का नाम विश्व पटल पर छा गया है। इस रोटी का निर्माण आठ अक्तूबर को हरी सेवा धाम में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में किया गया था।

रिकॉर्ड बनने का आधार—

रोटी बनाने में चार राज्यों, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के 24 हलवाई एवं 30 से अधिक कार्यकर्ताओं की सहायता ली गई। साथ ही भट्टी और तवा निर्माण में सात दिन लगे।

इसलिए बनी खास—

इसका वजन 185 किलो है। व्यास 11.25 गुणा 11.25 फीट है। इसे 1000 किलो कोयले से 6 घंटे में बनाया गया है।

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