पूरे राजस्थान में हर्षोल्लास से मनायी गई जन्माष्टमी, मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट ने की सामूहिक विवाह समारोह की घोषणा 

पूरे राजस्थान में हर्षोल्लास से मनायी गई जन्माष्टमी, मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट ने की सामूहिक विवाह समारोह की घोषणा 

पूरे राजस्थान में हर्षोल्लास से मनायी गई जन्माष्टमी, मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट ने की सामूहिक विवाह समारोह की घोषणा पूरे राजस्थान में हर्षोल्लास से मनायी गई जन्माष्टमी, मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट ने की सामूहिक विवाह समारोह की घोषणा 

दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में स्थित प्रसिद्ध मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भव्य आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भक्तिमय वातावरण में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद लिया।

इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नरेशपुरी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ट्रस्ट न केवल धार्मिक आयोजन करता है, बल्कि समाज कल्याण के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में सामूहिक विवाह जैसे आयोजन भी किए जाते हैं, जो समाज में समरसता और एकता का संदेश फैलाते हैं।

डॉ. नरेशपुरी महाराज ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट ने इस वर्ष सामूहिक विवाह समारोह के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जोड़े जल्द से जल्द आवेदन कर सकते हैं। 

कब कब करवाया जाता है विवाह सामूहिक समारोह

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ट्रस्ट मुख्यत: तीन तिथियों- अप्रैल नवरात्रि, गंगा दशहरा और कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर विवाह समारोह का आयोजन करता है।

इन सामूहिक विवाह समारोहों का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता प्रदान करना और समाज में एकता और सामूहिकता को बढ़ावा देना है।

ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जोड़े पंजीकरण करवा सकते हैं। इस पंजीयन के आधार पर आगामी नवंबर 2024 में कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जाएगा।

जन्माष्टमी पर अन्य मंदिरों में भी सजीं झांकियां

राजधानी जयपुर में गोविंद देवजी मंदिर में हर वर्ष की भांति इस बार भी भव्य झांकियां सजायी गयीं। भगवान श्रीकृष्ण की जीवन लीला, माखन चुराने और गोपियों के साथ रासलीला की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। हजारों श्रद्धालुओं ने इन झांकियों के दर्शन किए और भगवान के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त की।

झीलों की नगरी उदयपुर में जगदीश मंदिर और अन्य शहरी क्षेत्रों में भव्य झांकियों का आयोजन हुआ। यहां श्रीकृष्ण की रासलीला और ग्वालों के साथ उनके बाल्यकाल के खेल को दर्शाने वाली झांकियां विशेष रूप से सजाई गईं, जो श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय रहीं।

जोधपुर में मेहरानगढ़ किले और शहर के प्रमुख मंदिरों में जन्माष्टमी पर झांकियां निकाली गईं। इनमें श्रीकृष्ण की मथुरा और वृंदावन की लीला को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में आकर इन झांकियों का आनंद लिया।

अलवर के श्री जगन्नाथ मंदिर में जन्माष्टमी पर भव्य झांकियों का आयोजन किया गया। इन झांकियों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म, माखनचोरी और गोवर्धन पूजा की लीलाओं को दर्शाया गया। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।

बीकानेर के करणी माता मंदिर और लक्ष्मीनाथ मंदिर में भी जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विशेष झांकियों का आयोजन किया गया। यहां की झांकियों में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और उनके द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने के दृश्य को प्रदर्शित किया गया, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए।

पूरे राजस्थान में जन्माष्टमी का पर्व भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया और श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की झांकियों का दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

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