मणिपुर में घुसपैठिए बने चुनौती, बनवा लिए फर्जी दस्तावेज

मणिपुर में घुसपैठिए बने चुनौती, बनवा लिए फर्जी दस्तावेज

 

मणिपुर में घुसपैठिए बने चुनौती, बनवा लिए फर्जी दस्तावेजमणिपुर में घुसपैठिए बने चुनौती, बनवा लिए फर्जी दस्तावेज

मणिपुर पुलिस ने मणिपुर में अवैध घुसपैठियों के लिए फर्जी आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है।मामले में कई आरोपियों को अब तक गिरफ़्तार किया जा चुका है।

जांचकर्ताओं ने जारी किए फर्जी पहचान पत्रों के नमूने

जांचकर्ताओं ने म्यांमार के दो नागरिकों के पास से मिले फर्जी पहचान पत्रों के नमूने जारी किए हैं, ये दोनों घुसपैठिए मणिपुर के एक जिले में स्थानीय लोगों के बीच रहते पाए गए थे। इन्हें पुलिस द्वारा गिरफ़्तार कर लिया गया है। आगे की जांच की जा रही है।

एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारे पास कई और सबूत हैं, जो फर्जी आईडी बनाने वाले गिरोह तक पहुंचने में सहायक हैं और हम उनका पीछा करेंगे। हम ऐसे कई प्रकरणों पर काम कर रहे हैं।

घुसपैठियों को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान के केंद्र में अधिकतर दक्षिणी मणिपुर के क्षेत्र हैं। म्यांमार की सीमा से लगे राज्य में तनाव के कारण अभी यह मामला संवेदनशील है।

अभियान के मुख्य अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार और पुलिस, इस बार सीमावर्ती राज्य में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने पर अधिक से अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।

घुसपैठियों की बड़ी गिरफ्तारियां

हाल ही में मई 2024 में मणिपुर CM बीरेन सिंह ने बयान देते हुए बताया कि मणिपुर के कामजोंग जिले में 5457 ‘अवैध प्रवासियों’ का पता चला है। मुख्यमंत्री ने ‘X’ पर लिखा था कि 5173 लोगों के बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्रित कर लिए गए हैं। 

वर्ष 2023 में जुलाई में केवल 2 दिनों में 700 से भी अधिक घुसपैठिए मणिपुर में घुसे थे, तथा कक्चिंग में कुकी ईसाइयों के ध्वस्त हुए घरों में से 1000 से भी अधिक फर्जी आईडी कार्ड जब्त किए गए थे।

इसी प्रकार अक्टूबर 2021 में मणिपुर के टेंगनौपल में म्यांमार के 24 घुसपैठिए फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए थे।

मई 2018 में एक चेन्नई की महिला और नौ म्यांमार नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। तब से म्यांमार से आने वाले कई लोगों को नकली भारतीय आईडी के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है। मई 2018 में केवल राजधानी इम्फाल में ही 98 घुसपैठियों को पकड़ा गया था, जो एक सार्वजनिक कार्यवाही थी।

मणिपुर में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोहों की पुलिस जांच लंबे समय से चल रही है। स्थानीय अपराधियों के तार  विदेश में बैठे ‘एजेंटों’ से जुड़े हैं। ये एजेंट ही इन घुसपैठियों को भारत में भेजते हैं।

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