भारतीय समाज में महिला पुरुष एक-दूसरे के पूरक, परिवार एक यूनिट की तरह- ऋतु सारस्वत
भारतीय समाज में महिला पुरुष एक-दूसरे के पूरक, परिवार एक यूनिट की तरह- ऋतु सारस्वत एमटीएफ 3.0 का समापन, प्रतिभागियों का हुआ सम्मान
राजसमंद। साहित्य व संवाद के उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट का दो दिवसीय तीसरा संस्करण राजसमंद शहर के भिक्षु निलयम में “भारत के स्व की कहानी” थीम पर सम्पन्न हुआ। स्वामी विवेकानन्द जयंती पर स्वामी जी का स्मरण किया गया।
फेस्ट के दूसरे दिन रविवार को पहले पैनल डिस्कशन सत्र “क्रिटिकल थिंकिंग इन डिजिटल एज” में सोशल मीडिया एक्सपर्ट योगेश राजपुरोहित ने कहा कि वर्तमान समय में हमारे समाज के सोचने, समझने व्यवहार करने के तौर-तरीके सोशल मीडिया से बहुत प्रभावित हो रहे हैं। सोशल मीडिया से समाज में डिजिटल विभाजन पैदा हो रहा है, जिसके पीछे डीप स्टेट के रूप में विदेशी शक्तियां भी शामिल हैं। ट्विटर व मेटा ने चीन से संचालित भारत से जुड़े मुद्दों को उकसाने वाले अकाउंट्स पर कार्रवाईयां भी की हैं। अन्य पैनलिस्ट सोशल वर्कर मामराज मेघवाल, सोशल मीडिया एक्सपर्ट योगेश राजपुरोहित, इंफ्लुएंसर परिधि भटनागर व स्कॉलर प्रवीण मकवाना से मॉडरेटर शीतल पालीवाल ने चर्चा की। चर्चा में फेक नैरेटिव, सोशल मीडिया पर सही कंटेंट को पहचानने की बारीकियों पर चर्चा के साथ डीप स्टेट जैसे विषयों के बारे में युवाओं को बताया गया। मामराज मेघवाल ने सकारात्मक कार्यों और समाज को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया को अच्छा मंच बताया।
प्रात: सत्र में अमर बलिदानी कालीबाई भील को समर्पित शॉर्ट फिल्म वीरबाला का प्रदर्शन हुआ। इस अवसर पर निर्देशक शुभम, बाल कलाकार भूमिका भट्ट व अभिनेत्री परिधि भटनागर ने युवाओं के साथ अपने अनुभव शेयर किए। निर्देशक ने बताया कि गुरु नानाभाई खांट के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाली 13 वर्षीय बालिका को शिक्षा की ज्योति जलाए रखने के लिए याद किया जाता है। परिधि ने कहा कि सोशल मीडिया पर कंटेंट ‘समाज निर्माण’ के उद्देश्य से होना चाहिए।
आईआईएमसी नई दिल्ली की प्रोफेसर संगीता प्रणवेन्द्र ने “क्रिएटिव राइटिंग” पर कार्यशाला ली। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों को प्रतिदिन होने वाली घटनाओं को लिखने का तरीका सीखना चाहिए। पुस्तकों, कविता, कहानी, मूवी, लेख, पत्र-पत्रिकाओं को देखकर, सुनकर, पढ़कर मस्तिष्क में शब्दावली को समृद्ध करना चाहिए।
समानांतर सत्र में रुचि श्रीमाली ने “आर्ट ऑफ रीडिंग” में कैसे पढ़ा जाए, पढ़ने में एकाग्रता कैसे लाई जाए, पुस्तकों का चयन कैसे किया जाए जैसी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस सत्र में युवाओं ने पुस्तकों के साथ जुड़ाव बनाए रखने की कला भी सीखी।
लेखक की बात सत्र में चन्द्रेश टेलर ने अपनी पुस्तक “वर्तमान में हनुमान” पर अपने विचार रखे और श्रोताओं से चर्चा की।
दूसरे पैनल डिस्कशन सत्र “शक्ति की अभिव्यक्ति” में समाजशास्त्री ऋतु सारस्वत ने कहा कि भारतीय समाज दर्शन में महिलाएं प्रथम सम्मानित रहीं। विदेशी संस्कृति के आक्रमण से भोग व दमन का कुंठित विचार आया। समाजशास्त्री ऋतु सारस्वत के साथ लेखक शिवानी स्वर्णकार और लीगल एक्सपर्ट एडवोकेट ललित साहू से रुचि श्रीमाली ने चर्चा की। समाज में महिलाओं की शक्ति को उजागर करने के लिए करणीय काम पर प्रकाश डाला। उनकी समस्या, सुरक्षा, अधिकार और दायित्व पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, महिला और पुरुष समाज में एक दूसरे के पूरक हैं, उन्हें एक साथ चलने की आवश्यकता है।
समापन सत्र “संदेश: विश्व पटल पर भारत” में रक्षा विशेषज्ञ अभिनव पांड्या की उपस्थिति में प्रतिभागियों व वॉलंटियर्स को सम्मानित किया गया। उदयपुर संभाग के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक कमलेश शर्मा ने सत्र का समन्वय किया।
फेस्ट में राज पुस्तक मंडप सुंदर तरीके से सजाया गया, जिसमें पुस्तक प्रेमियों के लिए 3 हजार से अधिक पुस्तकें उपलब्ध रहीं। जिनमें 700 से अधिक टाइटल देखने को मिले। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का उपक्रम नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) भी मेवाड़ टॉक फेस्ट में सम्मिलित हुआ। एनबीटी के साथ इण्डस स्क्रॉल्स प्रेस, गरुड़ प्रकाशन, ब्लू वन इंक, सुरुचि प्रकाशन, शांति पब्लिशर्स इंडिया, विचार विनिमय प्रकाशन, आई व्यू एंटरप्राइजेज, ज्ञान गंगा प्रकाशन, प्रभात प्रकाशन, अर्चना प्रकाशन भोपाल, लोकहित लखनऊ व आकाशवाणी प्रकाशन जालंधर सहित कई अन्य प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध रहीं। पुस्तक मंडप में हर पाठक वर्ग के लिए पुस्तकों का संकलन किया गया था। इनमें बाल साहित्य से लेकर विज्ञान, तकनीक, साहित्य, धर्म, जीवनी-आत्मकथा व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी पुस्तकें सम्मिलित थीं। ये पुस्तकें हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, पंजाबी सहित कई भाषाओं में उपलब्ध थीं। पुस्तक मेले में पूरे दो दिन युवाओं का तांता लगा रहा।
स्वामी विवेकानंद पर नाटिका से जीवंत हुआ शिकागो भाषण
स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर केएल कलावत के निर्देशन में स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित नाटिका का मंचन हुआ। नाटक में विवेकानन्द दिशान्त साहू, रामकृष्ण कलावत के. एल., राहगीर अजय सक्सेना, अतिथि खुशबू और शिष्य भारती प्रजापति ने अभिनय किया। नाटिका में 1893 में शिकागो की धर्म संसद में दिए स्वामी विवेकानंद के भाषण को नाटिका में जीवंत रूप देने के साथ ही स्वामी जी के जीवन की प्रमुख घटनाओं का मंचन किया गया।
पुस्तक विमोचन
एमटीएफ 3.0 में चन्द्रेश टेलर की पुस्तक वर्तमान में हनुमान, मुरारी गुप्ता की पुस्तक सुगंधा, उमेश कुमार चौरसिया की मैं विवेकानन्द हूं और इंदु मणि की लेटर्स टू एडिटर का विमोचन किया गया।
लेखक की बात
मुक्त आकाश मैदान में लेखक की बात सत्र में राजसमंद के पुस्तक प्रेमियों व पाठकों को लेखकों से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ, उन्होंने अपनी क्रय की हुई पुस्तक पर उनके हस्ताक्षर भी करवाए।
संविधान के 75 वर्ष पर प्रदर्शनी संविधान लागू होने के 75 वर्ष होने पर प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी में संविधान में शामिल किए गए 22 चित्रों की बारीकियां, संविधान के उस हिस्से में शामिल किए जाने के महत्व के साथ दिखाया गया। संविधान की मूल प्रति में लगभग हर अध्याय के आरंभ में कोई न कोई चित्र छापा गया है। एसडीएम बृजेश गुप्ता ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कहा कि संविधान में लगाए चित्रों का महत्व समझना युवाओं के साथ प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है।
विशेष आकर्षण
प्रभु श्री द्वारकाधीश जी की छवि ने विज़िटर्स को श्रद्धावनत किया। कार्यक्रम में आए प्रतिभागियों ने अपने हाथ से दीपक आदि बनाए। ठाकुर जी की श्रृंगार सामग्री, जनजाति महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद, चाय के वैकल्पिक उत्पाद, नाश्ते आदि की भी स्टॉल लगी। नगर के राघवम ग्रुप और मोक्ष, मनीष व वरुण की टीम ने राजस्थानी गीतों पर बैंड परफॉर्मेंस दी।
विजेताओं का सम्मान
समापन सत्र में ड्राइंग प्रतियोगिता में प्राथमिक वर्ग में निरव कंसारा, सीनियर में गार्गी कुमावत, सुनीता राजपूत व खुशी बानो और कॉलेज से चारुल, गोविन्द वैष्णव, अजय लोहार, हर्षा, प्राची व खुशी को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता में स्वरा राठौड़, अश्विनी, युवराज व माधवी को सम्मानित किया गया। वॉलंटियर्स को पुस्तक, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर प्रेरणा दी गई। युवाओं ने सेल्फी लीं और रील्स बनाईं।