अपराधियों का गढ़ बनती जा रही मुहाना मंडी, इरफान और ताहिर ने व्यापारियों से की मारपीट
अपराधियों का गढ़ बनती जा रही मुहाना मंडी, इरफान और ताहिर ने व्यापारियों से की मारपीट
जयपुर। एशिया की सबसे बड़ी मुहाना मंडी धीरे धीरे अपराधियों का गढ़ बनती जा रही है। व्यापारियों और किसानों के हितों को देखते हुए वर्ष 2008 में इस फल / सब्जी मंडी का निर्माण किया गया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यहां मेवाती और बांग्लादेशी मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इन्होंने ना सिर्फ मंडी में स्थित दुकानों के आगे बरामदों और खाली स्थानों पर अतिक्रमण कर लिया है बल्कि यहां मजहबी गतिविधियां भी शुरू कर दी हैं। इससे व्यापारियों और किसानों में आक्रोश है। व्यापारियों ने इन्हें कई बार अतिक्रमण हटाने को कहा, लेकिन ये लोग दादागिरी पर उतर आते हैं। इसका परिणाम यह है कि रविवार, 6 अक्टूबर की सुबह दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। इसमें मंडी व्यापारी संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप चेलानी सहित 6 लोगों को गंभीर चोट आई, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
मुहाना मंडी में प्रतिदिन रात को दूसरे राज्यों से फल और सब्जियों के ट्रक आते हैं। इनकी आगे सप्लाई के लिए व्यापारी और आढ़तियों की मंडी में दुकानें हैं। इन दुकानों के सामने माल बेचने के लिए बने प्लेटफार्म पर अवैध कब्जे हो रखे हैं। ये लोग आए दिन ट्रकों से फलों को खाली करने के बाद सड़क पर ही फैला देते हैं। रविवार सुबह जब व्यापारी फल उतारने गए तो यूपी निवासी इरफान कुरैशी और ताहिर कुरैशी ने अपने साथियों के साथ दुकान मालिकों के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। मामला इतना बढ़ गया कि इरफान कुरैशी और ताहिर कुरैशी ने अपने 40-50 साथियों के साथ व्यापारियों से मारपीट शुरू कर दी। देखते ही देखते मंडी में आक्रोश फैल गया। इरफान कुरैशी के साथ आए गुंडों ने व्यापारियों पर फलों के क्रेट, बोतलें और पत्थर फेंके। व्यापारियों के साथ मारपीट की।
इस घटना से गुस्साए लोगों ने मंडी बंद कर दी। इसके चलते सुबह दस बजे बाद व्यापार पूरी तरह ठप हो गया। इसके बाद मुहाना थाने पर बड़ी संख्या में व्यापारी और गुस्साए लोग एकत्रित हो गए और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने व मंडी से अवैध कब्जा खाली कराने की मांग की। लोगों का कहना है कि मंडी में जिन व्यापारियों को दुकानें आवंटित हैं, उन्हीं को व्यापार की अनुमति होनी चाहिए। स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि मुहाना मंडी में मुसलमानों ने जहॉं तहॉं अतिक्रमण कर रखा है। ये लोग आए दिन व्यापारियों के साथ मारपीट करते हैं।
किसानों और स्थानीय लोगों के लिए जी का बवाल बनी मुहाना मंडी
जयपुर के मानसरोवर में वर्ष 2008 में बनी मुहाना मंडी का उद्देश्य किसानों और व्यापारियों को उचित सुविधाएं व एक ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना था, जहां वे अपनी फसल सुगमता से बेच सकें और उन्हें उसका उचित लाभ मिल सके। इसके लिए दुकानों के साथ ही कुछ बरामदे भी बनाए गए थे। आज ये बरामदे अतिशय धांधली और अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। प्रतिदिन यहां आपराधिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। सब्जी मंडी आपराधिक गतिविधियों का केंद्र बनती जा रही है। यहां बिना रोक-टोक बड़ी संख्या में आपराधिक तत्व आते-जाते रहते हैं। छोटी-छोटी बातों पर ये झगड़ा करना प्रारंभ कर देते हैं। इससे किसानों और स्थानीय लोगों में भय बना रहता है। गंदगी और अतिक्रमण के कारण इस रास्ते पर चलने वाले वाहनों व लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अतिक्रमणकारी बरामदों तक अपना सामान फैला लेते हैं और वे बरामदे जो किसानों के लिए उनकी फसल बेचने हेतु बनाए गए थे, वहां उन्हें बैठने ही नहीं देते। लोगों व किसानों की शिकायत पर कई बार अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटाए भी गए हैं, लेकिन ये फिर से हो जाते हैं। स्थिति यह है कि मंडी के 6 बरामदों के पूरे ब्लॉक पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया है। कुछ माह पहले यहॉं एक अवैध मस्जिद के आकार लेने के भी समाचार आए थे। पूरा ब्लॉक टाट पट्टियों से ढंका होने के कारण अंदर क्या गतिविधि चल रही है, इसका पता ही नहीं चलता। स्थानीय लोगों की मानें तो ईद और अन्य मुस्लिम त्योहारों पर यहां लगभग 250 से 300 लोग एकत्रित होते हैं और नमाज पढ़ते हैं। इतना ही नहीं अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में वजू करने के लिए अवैध नल कनेक्शन भी ले लिया गया है। प्रत्येक शुक्रवार को नमाज अदा करने वालों की इतनी भीड़ होती है, कि कई बार इस रास्ते पर चलने वाले वाहनों व लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस बारे में संबंधित अधिकारियों को कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।