राजस्थान में बढ़ रही मुस्लिम आक्रामकता
राजस्थान में बढ़ रही मुस्लिम आक्रामकता
राजस्थान एक शांत प्रदेश है। यहॉं के लोग राजस्थानी संस्कृति के अनुरूप बिंदास जीवन जीते हैं। लेकिन जब से यहां मुस्लिम जनसंख्या बढ़ी है और जिन जिन क्षेत्रों में बढ़ी है, वहां आए दिन हिन्दू-मुस्लिम तनाव की स्थिति बन जाती है। छोटी छोटी बातों पर मुस्लिम समुदाय आक्रामक हो जाता है। आए दिन वे कुछ न कुछ ऐसी हरकत करते हैं कि हिन्दू समाज स्वयं को असहज अनुभव करने लगता है और कई बार तो स्थिति चोरी और सीनाजोरी वाली बन जाती है। ईद के बाद कई स्थानों पर ऐसा ही हुआ।
अजमेर
19 जून, बुधवार को अजमेर के किशनगढ़ में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। किशनगढ़ के मदनगंज चौराहे से सटे ओसवाली मोहल्ले की सब्जी मंडी में बाइक सवार एक मुस्लिम व्यक्ति दुकान के बाहर मांस के टुकड़े फेंक गया। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि बाइक सवार के पास एक कट्टा था। उसने इसमें से मांस के टुकड़े निकाले और दुकान के सामने सड़क पर फेंक दिए। हिन्दुओं ने इसका विरोध किया और इसे उकसाने वाली कार्रवाई बताया, तो मामला गर्मा गया।
पाली
अजमेर में हुई घटना के अगले दिन यानि 20 जून, गुरुवार को पाली जिले के कोतवाली क्षेत्र में बांडी नदी के किनारे मवेशियों के कटे सिर मिले, जिनके चेहरे पर से चमड़ी हटी हुई थी। माना जा रहा है, वे सिर गाय के थे और ईद की कुर्बानी के बाद यहॉं फेंके गए थे। वातावरण एक बार फिर तनावपूर्ण हो गया।
जोधपुर
अजमेर और पाली का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि 21 जून को जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में वातावरण तनावपूर्ण हो गया। मुसलमान यहॉं ईदगाह का गेट हिन्दू कॉलोनी की ओर निकाल रहे थे। हिन्दुओं ने इसका विरोध किया तो मुसलमानों ने पथराव शुरू कर दिया। एक दुकान में आग लगा दी। पथराव में कई गाड़ियाँ टूट गईं, पत्थर लगने से एक महिला की आँख की रोशनी चली गई। घटना के बाद जब पुलिस ड्रोन से निगरानी कर रही थी, तो पता चला मुसलमानों ने अपने घरों की छतों पर पत्थर इकट्ठे कर रखे थे। एक घर की छत से तो दो ट्रॉली पत्थर बरामद हुए यानि गेट निकालने से पहले ही उन्होंने पथराव की पूरी तैयारी कर रखी थी।
भीलवाड़ा
जोधपुर की घटना के एक दिन बाद, 23 जून, रविवार को मुस्लिम युवकों ने संघ शाखा में स्वयंसेवकों पर हमला कर दिया। स्वयंसेवकों ने बताया कि रविवार शाम को शहर के भीमगंज क्षेत्र में स्थित एक अस्पताल के पास गांधी पार्क में आरएसएस की शाखा संचालित की जा रही थी, पास ही कुछ मुस्लिम युवक क्रिकेट खेल रहे थे। जिनकी बॉल 2-3 बार शाखा की तरफ आ गई। जब युवक बॉल लेने गया, तो स्वयंसेवकों ने उलाहना दिया, दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। इस पर मुस्लिम युवकों ने बैट और स्टंप से स्वयंसेवकों पर हमला कर दिया, जिसमें दो स्वयंसेवक गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। मामले में अमन, अय्यान, आबिद हुसैन, मोहम्मद रफीक, इसरत अली और शाहिद खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
इसी दौरान जयपुर के सामोद में 8-10 नंदियों पर तेजाब फेंकने का मामला सामने आ गया।
इन सब घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में समाजसेवी अमन अवस्थी कहते हैं, दरअसल अब हिन्दुओं को इस्लाम को समझना होगा। मुसलमान वही कर रहे हैं, जो उनका मजहब कहता है। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे पर एक्स मुस्लिम सचवाला कहते हैं, यह कभी सम्भव ही नहीं। दोनों विपरीत विचारधाराएं हैं। हिन्दू धर्म जहॉं वसुधैव कुटुम्बकम का भाव सिखाता है, वहीं कुरान की सूरा 3, आयत 28 व सूरा 9, आयत 23 में मुसलमानों को निर्देश है कि वे गैर-मुस्लिमों को दोस्त न बनाएं। उनसे तब तक लड़ें, जब तक अल्लाह का मजहब पूरी तरह से दुनिया में स्थापित न हो जाए (सूरा 8, आयत 39)। ऐसे में भाईचारा वनवे है, हिन्दू चाहे टोपी लगाएं, इफ्तार पार्टियां करें, ईद मनाएं या मंदिरों में नमाज पढ़ने की जगह दें, लेकिन उन्हें मुसलमानों से वंदे मातरम् बोलने की भी आस नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि अल्लाह के अलावा किसी की भी इबादत इस्लाम में वर्जित है।
करुणेश शुक्ला भी X पर लिखते हैं, “कुरान में कहा गया है कि काफ़िर (गैर-मुस्लिम) को दोस्त मत बनाओ
“या अय्युहल्लजी-न आमून ला”
(कुरान मजीद पारा ५ सूरा निसा रूकू १८ आयत १४४)
यानि अय ईमान वालो! तुम ईमान वालों को छोड़कर काफिरों को दोस्त मत बनाओ।
इसलिए कुरान के मुताबिक हिन्दू और मुस्लिम भाईचारा कभी नहीं हो सकता है।”
हाल में हुई घटना पर जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में रहने वाले अमित पवार कहते हैं, हमारी तो पीढ़ियां गुजर गईं यहॉं रहते हुए। पहले ऐसा नहीं था। जबसे मुस्लिम जनसंख्या बढ़ी है, यहॉं उपद्रव भी बढ़े हैं। बीते पांच वर्षों में जून में तीसरी बार सूरसागर ने हिन्दू-मुस्लिम तनाव देखा है। इस से पहले जून 2022 में वातावरण बिगड़ा था। तब राजाराम सर्कल के पास दो मुस्लिम युवक झगड़ रहे थे, पास की दुकान पर बैठे हिन्दू युवक ने बीच बचाव कर झगड़ा समाप्त करने का प्रयास किया। इससे आपस में झगड़ रहे युवक आक्रोशित हो गए और बीच बचाव करवाने वाले हिन्दू युवक पर ही हमला कर दिया।
अप्रैल 2019 में रामनवमी शोभायात्रा की समाप्ति के बाद जब रथ और झांकियां सूरसागर से लौट रही थीं, तब भी मुसलमानों ने पथराव किया था, दुकान व वाहनों में आग लगा दी थी।